राधावल्लभ संप्रदाय के संत प्रेमानंद महाराज का मार्मिक संदेश — रिश्तों में प्रेम और पवित्रता बनाए रखें

राधावल्लभ संप्रदाय के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज की ख्याति तेजी से बढ़ रही है। लोग अपनी समस्याओं के समाधान के लिए महाराज के दरबार में आते हैं, जहां वे उन्हें आध्यात्मिक और धार्मिक मार्गदर्शन देते हैं।
हाल ही में एकांतिक वार्ता के दौरान, एक विवाहित महिला ने महाराज से अपनी पीड़ा साझा की कि वह पति से द्वेष के कारण एक अन्य पुरुष के साथ संबंध में रही, लेकिन अब उसे गहरा पछतावा हो रहा है। उसने पूछा, “मैं अपनी गलती स्वीकार करती हूं, अब मैं क्या करूं?”
इस पर प्रेमानंद महाराज ने कहा,
“दोनों पक्षों को संभलना होगा। आज की स्थिति ऐसी हो रही है कि पति दूसरी स्त्री से प्यार करता है, तो पत्नी भी बदले में कहती है कि मैं भी किसी और से प्यार करती हूं। जब तक दोनों पक्ष सुधरेंगे नहीं, तब तक कोई कैसे सुधर सकता है?”
उन्होंने आगे कहा,
“अपने चरित्र को पवित्र रखें, उसे दूषित न करें। अगर पति के व्यवहार से दुख होता है तो दुख सहो, परन्तु अपने आचरण को कभी गंदा मत बनाओ। आप भगवान की शरण में रहो, नाम जपो, कीर्तन करो, और भविष्य में ऐसी गलती न दोहराओ। प्रेम से अपने पति को समझाओ और सुधारो। बहुत से बिगड़े लोगों को स्त्रियां ही सुधारती हैं।”