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छग: गड़बड़ी के आरोप पर कर चुका हूं, तीन साल में 17 अफसरों निलंबित- बृजमोहन

रायपुर :  जल संसाधन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने विभाग के निर्माण कार्यों में गड़बड़ी के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। एनीकट को लेकर विपक्ष के आरोपों का विधानसभा में जवाब देते हुए अग्रवाल ने कहा कि शिकायतों के आधार पर इसी सदन में तीन साल में सबसे ज्यादा 17 अफसरों को निलंबित कर चुका हूं।

इस दौरान उन्होंने स्वीकार किया कि रेत की खुदाई के कारण एनीकट क्षतिग्रस्त हुए है। इसी वजह से अब सख्ती कर दी गई है। किसी भी एनीकट के सौ मीटर के दायरे में रेत नहीं खोदा जा सकता। विपक्षी सदस्यों ने दायरा दो किमी करने की मांग की।

एनीकट में गड़बड़ी का मुद्दा विधानसभा में बुधवार को कांग्रेस सदस्य सत्यनारायण शर्मा ने उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग बिना मास्टर प्लाने के ही विभाग में अरबों स्र्पए का काम कराया जा रहा है। इसमें अनियमितता हो रही है, एनीकट टूट रहे हैं। इसके बावजूद विभाग न तो ठेकेदारों को ब्लैक लिस्टेड कर रहा है और न ही बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई की जा रही है। केवल उपयंत्रियों को निलंबित किया जा रहा है।

मंत्री ने बताया कि मास्टर प्लान प्रक्रियाधीन है। एजेंसी ने रिपोर्ट सौंप दिया है विभागीय अधिकारी उसका परीक्षण कर रहे हैं। उन्होंने विपक्ष के आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि दोषी ठेकेदारों पर भी कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि 600 से ज्यादा एनीकट और चेकडेम बने हैं, लेकिन 8-10 की ही शिकायत आई है, उन पर भी कार्रवाई की गई है।

जहां पानी नहीं स्र्कता वहां नहीं बनेगा एनीकट

विपक्ष सदस्य धनेन्द्र साहू ने आरोप लगाया कि ज्यादातर एनीकट में पानी का भराव ही नहीं हो रहा है। डॉ. रेणु जोगी ने भी सवाल उठाया। इस पर मंत्री ने बताया कि विभाग ने तय किया है कि अब जहां पानी नहीं स्र्कता वहां चेकडेम या एनीकट नहीं बनाया जाएगा। मंत्री ने बताया कि राज्य के सभी एनीकट के गेट और कड़ी ठीक करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।

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