“बैंक वाली दीदी” बालेश्वरी यादव: ग्रामीण बैंकिंग की मिसाल

सरगुजा । जिले की बालेश्वरी यादव, लखनपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत लोसंगी से, आज गांव-गांव जाकर लोगों की जिंदगी आसान बना रही हैं। उन्हें गांव के लोग प्यार से “बैंक वाली दीदी” कहते हैं।
बैंक सखी के रूप में वे पाँच पंचायतों — लोसंगी, लोसगा, रेमहला, लब्जी और कटिन्दा — में घर-घर जाकर बैंकिंग सेवाएं देती हैं। अब ग्रामीणों को बैंक जाने की जरूरत नहीं, क्योंकि बैंक वाली दीदी खुद उनके द्वार आती हैं।
वृद्धा पेंशन, दिव्यांग पेंशन, मनरेगा मजदूरी भुगतान, जनधन खाता खोलना, बीमा योजनाओं से जोड़ना जैसे कार्य वे कुशलता से करती हैं। पिछले 5 वर्षों में उन्होंने लगभग 11 करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन किया है।
पहले मजदूरी से घर चलाने वाली बालेश्वरी ने 2014 में रानी लक्ष्मी बाई स्व-सहायता समूह से जुड़कर नेतृत्व की जिम्मेदारी संभाली। धीरे-धीरे संगठन, बुक कीपिंग और प्रशिक्षण के बाद 2021 में बैंक सखी बनीं।
अब हर महीने लगभग 15,000 रुपये तक का कमीशन कमाकर आर्थिक रूप से सशक्त बन चुकी हैं और गांव में पहचान भी बना चुकी हैं। जरूरतमंद जब बुलाते हैं, तो वे खुद उनके घर जाकर सेवा देती हैं।
अब तक उन्होंने
✔️ 513 जनधन खाते खोले हैं
✔️ प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में 713 लोग
✔️ जीवन ज्योति बीमा योजना में 556 लोग
✔️ अटल पेंशन योजना में 600 लोग जोड़े हैं
बालेश्वरी यादव आज सिर्फ एक बैंक सखी नहीं, बल्कि ग्रामीण महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं।




