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महागठबंधन में सीटों का संग्राम: दोस्ती में दरार या रणनीति का हिस्सा?

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया में अब महज पांच दिन बचे हैं, और दूसरे चरण का नामांकन सोमवार से शुरू हो रहा है। लेकिन उससे पहले ही महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर घमासान मचा हुआ है।

राजद सुप्रीमो लालू यादव ने खुद कबूल किया है कि सीटों को लेकर अभी बातचीत जारी है। गठबंधन के दलों की दावेदारी इतनी ज़्यादा हो गई है कि बात बन नहीं पा रही। कांग्रेस, वाम दल और वीआईपी जैसे सहयोगी अब राजद पर मनमानी का आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस ने यहां तक कह दिया है कि अगर समझौता नहीं हुआ, तो सोमवार तक अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित कर देगी।

राजद ने उन सीटों पर भी दावा ठोका है, जो परंपरागत रूप से कांग्रेस या वाम दलों के हिस्से में आती रही हैं। जवाब में कांग्रेस ने AIMIM से आए विधायकों वाली सीटों पर दावा कर डाला है।

तेजस्वी यादव और लालू यादव रविवार को दिल्ली पहुंचे हैं, जहां उनकी मुलाकात राहुल गांधी से हो सकती है। उधर, वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने गठबंधन को “अस्वस्थ” बताया है और कहा है कि दिल्ली में इलाज होगा और गठबंधन फिर से स्वस्थ होगा।

कांग्रेस और राजद दोनों ने अपने-अपने हिस्से की सीटों को चिन्हित करना शुरू कर दिया है। राजद कम से कम 135 सीटों पर, जबकि कांग्रेस 60 सीटों पर लड़ने की तैयारी में है।

दिल्ली में कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक सोमवार को होगी, जहां उम्मीदवारों की सूची पर मुहर लगाई जाएगी।

इस सियासी गहमागहमी के बीच अब सवाल यह है कि क्या ये मतभेद वाकई गठबंधन को तोड़ देंगे या फिर ये सिर्फ एक रणनीति का हिस्सा हैं? दिल्ली की सियासत इस पेच को सुलझा पाएगी या नहीं, इसका जवाब कुछ ही दिनों में सामने होगा।

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