…क्योंकि ‘अजीत जोगी’ बनना आसान नहीं !
"आज से हम (4rtheyenews) में चुनावी चौपाल शुरू करने जा रहे हैं, जिसमें सबसे पहले हम छत्तीसगढ़ प्रदेश की तीसरी राजनीतिक शक्ति के रूप में उभर रहे, अजीत जोगी के बारे में आपको बताएंगे, और अगर आपको हमारी खबरें अच्छी लगे, तो नीचे हमारे यूट्यूब चैनल के सब्स्क्राइ का बटन दिया है, तो उसे जरूर सब्सक्राइब करें क्योंकि हम इन राजनीतिक हस्तियों से जुड़ी जानकारी, विवाद और उनके बारे में ऐसी रोचक कहानियां और किस्से बताएंगे जो शायद इससे पहले आपने नहीं सुने होंगे "
चूंकि जोगी के 29 अप्रैल उन्नीस सौ छियालीस से अविरल चर रहे, इस सफर को महज एक ही दिन में कागजों पर उतार दिया जाए, ऐसा संभव नहीं हो पाएगा, लिहाजा हम आपको एक-एक कर अजीत जोगी के बारे में वो सारी बातें बताएंगे जो आप जानना चाहते हैं, और शायद हमारी ये जानकारी, आने वाले चुनावों में आपको अपना नेता चुनने में भी मदद करेगी ।
प्रदेश की तीसरी शिक्ति बनने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगाने वाले अजीत जोगी की प्रदेश की राजनीति में अपनी अलग ही एक पहचान हैं और बात जब छत्तीसगढ़ से जुड़ी हो तो जोगी को नजर अंदाज करना किसी के बूते की बात नहीं,
विपरीत परिस्थितियों के बाद भी हालातों से हार न मानने का नाम ही अजीत जोगी है ।
जोगी का जन्म 29 अप्रैल 1946 में बिलासपुर जिले के पैंड्रा में हुआ था, BHOPAL से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके कुछ दिन रायपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में अध्यापन का काम किया। इसके बाद UPSC में सफल हुए और IPS बन गए, दो साल बाद ही वे IAS बन गए, 14 साल मध्यप्रदेश में कलेक्टर रहे, और उन्हें ज्यादातर नियुक्ति उन्हीं जिलों में मिली, जो राजनीतिक क्षत्रपों के प्रभाव क्षेत्र माने जाते रहे, वे इंदौर कलेक्टर तब रहे जब MP में CM प्रकाश चंद सेठी थे, वहां उनपर सेठी की छत्रछाया रही,
रायपुर में भी कलेक्टर का पद मिला, जो शुक्ला बंधुओं के प्रभाव वाला क्षेत्र था, सीधी पोस्टिंग रही, जो अर्जुन सिंह का क्षेत्र था, वहां उनकी नजदीकियां अर्जुन सिंह से हो गईं, ग्वालियर में भी कलेक्टर रहते हुए उनकी नजदीकियां माधवराव सिंधिया घराने से हो गई थीं, जब वे रायपुर में कलेक्टर थे, उस समय राजीव गांधी के संपर्क में आ गए, फिर जब भी राजीव गांधी रायपुर रुकते थे तो एयरपोर्ट पर जोगी खुद उनकी आवभगत के लिए पहुंच जाते थे, बताया जाता है कि इस खातिरदारी ने ही उन्हें राजनीतिक की टिकट दिला दी ।
इसके बाद शुरू हुआ उतार चढ़ाव भरा राजनितिक करियर, लेकिन अपनी जिंदगी में सरपट दौड़ लगा रहे अजीत जोगी की जिंदगी में एक ऐसा हादसा हुआ, जिसके बाद शायद कोई आम आदमी टूट जाता और खुद को घर की चार दिवारियों में कैद कर लेता, आगे हम उनकी जिंदगी के इन्हीं पहलुओं पर नजर डालेंगे ।
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