छत्तीसगढ़बीजापुर

बीजापुर : हट जाती है मजहब की दीवार जब हिंदू और मुस्लिम साथ खोलते हैं रोजा

बीजापुर : जिला मुख्यालय में एक घर ऐसा भी है जहां हिंदू और मुस्लिम धर्मावलंबी एक साथ रोजा खोलते हैं और यहां मजहब की दीवार टूट जाती है।कोरटोला करीमनगर के ठेकेदार एए मुकीम सालों से जिले में तेंदूपत्ता का ठेका ले रहे हैं और मांझीपारा में उनका कैम्प सालों से है। उनकी फर्म में सेवा देने वाले कुछ मुस्लिम हैं तो कुछ हिंदू। मजहब ना तो इनके काम में आड़े आता है और ना ही दीगर मसलों में। ऐसा भाईचारा एक मिसाल है। कैम्प के प्रबंधक वाजिब नवाब एवं एजाज साहब बताते हैं कि दूसरी बार यहां तेन्दूपत्ता सीजन में रमजान का पवित्र माह पड़ा है।

सेवा देने वाले कुछ मुस्लिम हैं तो कुछ हिंदू

मुस्लिम रोजा रखते हैं लेकिन जब रोजा खोलने का वक्त आता है तो हिंदू-मुस्लिम सभी एक ही स्थान पर बैठते हैं और रोजा खोलते हैं। अभी कैम्प में छह-सात लोग रोजे से हैं। कैम्प में ही सी श्रीनिवास, चंद्रमौली,पण्डारी लोमेेश, राजू नायक समेत करीब दस हिंदू धर्मावलंबी रहते हैं। जिले में उनकी फर्म 2007 से तेंदूपत्ते का ठेका ले रही है। मुस्लिम होने के बावजूद ठेकेदारों का जिला मुख्यालय में गैर मुसलमानों से अच्छा भाईचारा है। जब दुनिया के कई स्थानों में मजहब को लेकर विवाद होता है तो यहां ऐसी जगह भी है जहां मजहब की दीवार दिखती ही नहीं है।

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