पहाड़ी कोरवा समुदाय की बिसुन कोरवा का बदला जीवन — सरकारी योजनाओं से कच्चे घर से पक्के सपनों तक का सफर

रायपुर। विकास की मुख्यधारा से विशेष रूप से पिछड़ी जनजातियों को जोड़ने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ अब सुदूर वनांचलों तक पहुँच रहा है। सरगुजा जिले के आकांक्षी ब्लॉक लखनपुर की ग्राम पंचायत लोसगी की निवासी बिसुन कोरवा (बिहानू कोरवा), जो विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा समुदाय से हैं, उनका जीवन प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना के माध्यम से पूरी तरह बदल गया है।
बिसुन कोरवा का परिवार पहले अत्यंत गरीब था और उनकी आजीविका खेती व मजदूरी पर निर्भर थी। कृषि योग्य भूमि न होने से आर्थिक स्थिति कमजोर थी, और परिवार कच्चे झोपड़ीनुमा मकान में रहता था। पक्के घर का सपना उनके लिए दूर की बात थी।
वर्ष 2024-25 में उन्हें प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत आवास स्वीकृत हुआ। किस्तों में मिली राशि से उन्होंने अपने सपनों का पक्का घर तैयार किया। उनका कहना है कि यह सिर्फ एक घर नहीं, बल्कि परिवार की इज्जत, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की नई नींव है।
इसके साथ ही अन्य सरकारी योजनाओं ने भी उनके जीवन में उजाला भर दिया।
स्वच्छ भारत मिशन से मिले शौचालय ने परिवार के स्वास्थ्य और स्वच्छता में सुधार किया।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत मिले एलपीजी कनेक्शन ने रसोई को धुएँ से मुक्त किया।
बिजली कनेक्शन मिलने से उनके घर की रातें अब रोशन हैं और जीवन अधिक सहज हो गया है।
बिसुन कोरवा कहती हैं, “आज हमारा पक्का घर बन गया है। हम जंगलों के बीच सुरक्षित, सम्मानजनक और आत्मनिर्भर जीवन जी रहे हैं।”
सरकारी योजनाओं ने न केवल पहाड़ी कोरवा जैसे विशेष पिछड़े परिवारों के जीवन में उजाला फैलाया है, बल्कि उनके भीतर आत्मविश्वास और सामाजिक सम्मान की नई भावना भी जगाई है।




