बसपा की वापसी: मायावती की रैली ने जगाई नई उम्मीदें

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) एक वक्त में राष्ट्रीय राजनीति का एक मजबूत और प्रभावशाली नाम हुआ करती थी, लेकिन पिछले कुछ सालों में इसकी चमक फीकी पड़ गई थी। लोकसभा और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में लगातार झटकों ने पार्टी को हाशिए पर पहुंचा दिया था। मगर गुरुवार को लखनऊ में मायावती की रैली ने एक बार फिर बसपा के जादू को साबित कर दिखाया।
रैली में उमड़ी भारी भीड़ ने न सिर्फ पार्टी के कार्यकर्ताओं को नई ऊर्जा दी, बल्कि मायावती के आत्मविश्वास को भी बुलंद कर दिया। यह साबित करता है कि दलित समाज के दिलों में बसपा और मायावती की जगह अब भी अटल है।
बसपा की यह रैली सिर्फ राजनीतिक आयोजन नहीं, बल्कि दलित समाज का भरोसा और समर्थन जाहिर करने का एक मजबूत संदेश भी थी। मायावती ने इस रैली में साफ कहा कि ये लोग मजदूरी लेकर नहीं, अपने पैसों से आए हैं। उनका कहना था कि भीड़ ने खुद अपने खून-पसीने की कमाई से इस मंच तक पहुंचकर पार्टी के लिए उम्मीद की किरण जलाई है।
बसपा की इस वापसी ने यह भी दर्शाया कि मायावती दलितों के बीच अब भी एक लोकप्रिय और भरोसेमंद नेता हैं। लंबे वक्त बाद मायावती को इतना उत्साहित और आत्मविश्वासी देखकर बसपा कार्यकर्ता भी नई उमंग से भर उठे हैं।




