सत्यनारायण सोनी साहब कौन सी किताब पढ़कर बने हैं तहसीलदार ? शिकायत कुछ और जवाब कुछ देकर बंद कर देते हैं शिकायतें

गंजबासौदा, आपको सीएम शिवराज सिंह का वो बयान याद तो होगा, जो उन्होने हाल ही में भरे मंच से दिया था, सीएम ने कहा था, कि लोग सीएम हेल्पलाइन का दुरुपयोग भी कर रहे हैं । उन्होने ये भी कहा था कि लोग गैंग बनाकर जानबूझकर लोगों के फंसाने का काम कर रहे हैं । खैर इस बारे में हम फिर कभी बात जरूर करेंगे, फिलहाल हम एक ऐसी शिकायत के बारे में बात कर रहे हैं, जिसमें प्रशासन पर आरोप है कि उसे शिकायत कुछ की जाती है और वे जवाब चेहरा देखकर देते हैं, बाद में इसे बंद कर दिया जाता हैं । प्रशासन की कारगुजारी से लगता सीएम हेल्पलाइन महज खानापूर्ति से ज्यादा कुछ नहीं है । जिसमें न गैंग की जांच होती है, न प्रार्थी की शिकायत पर कोई जमीनी स्तर पर जांच काराई जाती है ।
ये खबर भी पढ़ें इंदौर के राजस्व विभाग में बैठकर बंटी-बबली कांड कर रहे हैं, ट्रेजरी और पटवारी दंपति ?
चलिये हम आपको एक शिकायत का स्क्रीन शॉट दिखाते हैं, धीरेंद्र सिंह नाम के शख्स की शिकायत का स्क्रीनशॉट नीचे है, जिसे पढ़कर पहले आप समझने की कोशिश करें की शिकायत किस चीज के लिए की गई है ।

आप इस शिकायत में तो समझ ही गए होंगे, कि शिकायत राजस्व हानि की की गई है । अब आप जरा प्रशासन का जवाब भी पढ़ लीजिये । जहां तहसीलदार सत्यनारायण सोनी की ओर से ये जवाब दाखिल किया गया है ।

अब तहसीलदार साहब और उनकी टीम के इस जवाब में ये नजर नहीं आ रहा है, कि इन्होने कहीं इस बात का जिक्र किया हो कि, प्रार्थी की शिकायत निराधार है और शासन को कोई राजस्व की हानि नहीं हो रही है । जिसके लिए शिकायत प्रमुख रूप से दर्ज कराई गई थी । हमारी ओर से भी तहसीलदार सत्यनारायण सोनी से इसका जवाब जानने के लिए संपर्क किया गया, लेकिन उन्होने सीधा-सीधा जवाब नहीं दिया ।
खैर अभी तो गंजबासौदा प्रशासन की भर्राशाही की महज एक शुरुआत है, फोर्थ आई न्यूज आगे आपको पुलिस और प्रशासन की ऐसी-ऐसी कारगुजारियां बताएगा, कि आप समझ जाएगे, कि मामा भले भरे मंच से कितने भी बड़ा दावे और वादे आम जनता से कर लें, लेकिन जमीन पर उनके दावे खोखले ही साबित होते हैं ।