छत्तीसगढ़: आयुष्मान व यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम चलाई जाएगी साथ-साथ
छत्तीसगढ़ सरकार ने साफ कर दिया है कि केंद्र की आयुष्मान भारत योजना राज्य में बंद नहीं की जाएगी। साथ ही इसके समानांतर राज्य सरकार यूनिर्वसल हेल्थ स्कीम लागू कर रही है। योजना के तहत पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो चुका है, मगर इस योजना को सभी स्वास्थ्य केंद्रों, मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में लागू करना आसान नहीं है और न ही इसे सरकार एक झटके में लागू कर सकती है।
योजना को लेकर अभी सरकार के मंत्री ही पूरी तरह संतुष्ट नहीं दिख रहे। शायद यही कारण है कि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने साफगोई से स्वीकार किया कि अभी हमें मंत्रियों को ही योजना समझाना है। गुरुवार देर रात तक चली कैबिनेट बैठक में सिंहदेव ने मंत्रियों के सामने योजना की प्रेजेंटेशन भी दी।
बता दें कि सिंतबर 2019 में आयुष्मान भारत योजना के तहत अनुबंधित बीमा कंपनी रेलीगेयर से अनुबंध खत्म होने जा रहा है। पूर्व में कांग्रेस सरकार ने कहा था कि वह आगे टेंडर नहीं करेगी, मगर अब साफ हो गया है कि नया टेंडर होगा, लेकिन इसमें संशोधन होंगे। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत में बहुत सारी बीमारियों के पैकेज ऐसे हैं जिनकी दरकार नहीं। जो इलाज मुफ्त में सरकारी अस्पतालों में मिल रहा है। उन्हें भी कम किया जाएगा।
आयुष्मान योजना बंद करना राज्य के लिए घाटे का सौदा
आयुष्मान भारत योजना में केंद्र सरकार की 60 फीसद, राज्य सरकार की 40 फीसद हिस्सेदारी है। इसके तहत 50 लाख परिवारों का इलाज हो रहा है। 50 हजार रुपये का सालाना इलाज, पांच लाख रुपये तक सालाना हेल्थ कवर। अगर राज्य सरकार इसे ठुकराती है तो बहुत बड़ा तबका प्रभावित होगा। रोजाना जहां 2200 मरीजों का इलाज हो रहा है, वे कहां जाएंगे? इसलिए कांग्रेस सरकार ने आयुष्मान भारत को बंद करने का अपना फैसला टाल दिया है।
ऐसे समझें यूनिवर्सल हेल्थ केयर को
100 फीसद इलाज सरकारी अस्पतालों में कराने की सरकार की मंशा है। मरीजों को प्राथमिक स्वास्थ्य पर ही संपूर्ण प्राथमिक उपचार मिल सके। मितानीन, नर्स को प्रशिक्षित किया जाएगा। सुविधाओं का विस्तार कर दवाइयां भरपूर मात्र में उपलब्ध करवाई जाएंगी। 100 फीसद निशुल्क उपचार की व्यवस्था होगी।
जारी होगा यूनिक आइडी
हर नागरिक को एक यूनिक आइडी नंबर जारी किया जाएगा। हर व्यक्ति का मेडिकल रिकॉर्ड सरकार के पास सुरक्षित होगा। एक क्लिक में प्राथमिक से लेकर मेडिकल कॉलेज अस्पताल तक के डॉक्टर मरीज की पूरी हिस्ट्री देख सकेंगे।
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