विदिशा

गंजबासौदा: श्री मोती सिंह सिकरवार का दुखद निधन, परिजन नहीं करेंगे मृत्यु भोज

गंजबासौदा:  शहर के प्रतिष्ठित अधिवक्ता श्री मोती सिंह सिकरवार का 1 मई की रात करीब 11 बजे, दुखद निधन हो गया, वे करीब 70 साल के थे, एक मई की रात करीब साढ़े दस बजे उन्हें अचानक सांस लेने में तकलीफ की शिकायत हुई, जिसके बाद उनके परिजन उन्हें लेकर अस्पताल दौड़े, लेकिन वे अस्पताल पहुंच पाते इससे पहले ही उनका निधन हो गया ।

शोकाकुल परिवार, रसोई की जगह करेगा श्रंद्धाजलि सभा

स्वर्गीय श्री मोती सिंह हमेशा से मृत्यु भोज के खिलाफ थे, उनका मानना था कि आर्थिक तंगी से गुजर रहे लोगों को मजबूरी में अपने परिजनों को मृत्यु भोज कराना होता है, इससे कई लोगों को पैसे भी उधार लेने पड़ते हैं, लिहाजा वे इस आडंबर के खिलाफ थे, जिसके चलते उनके परिवार ने तेरहवीं पर प्रतिभोज न करने का निर्णय लिया है, परिवार ने निर्णय लिया है कि, वे इस भोज में होने वाले खर्च को समाज हित में खर्च करेंगे, जो जरूरतमंद लोगों के काम आ सके, लिहाज वे तेरहवीं के दिन श्रद्धांजलि सभा और प्रसादी वितरण कर उनकी यादों को ताजा करने के लिए अपने अनुभव एक दूसरे से साझा करेंगे ।

अपनी शर्तों पर जिया पूरा जीवन

स्वर्गीय श्री मोती सिंह सिकरवार अपने तेज तर्रार स्वभाव के लिए जाने जाते थे, अभिभाषक संघ के अध्यक्ष के रूप में उन्होने बार एसोशिएशन के हित में, बड़े कार्यों की शुरूआत की, हालांकि स्वास्थ्य खराब होने की वजह उनका बार में आना-जाना कम हो गया था, लेकिन वे घर से ही लोगों को निशुल्क सलाह देते रहते थे, वहीं परिवार वाले बताते हैं कि उन्होने अपनी शर्तों पर ही पूरी जीवन जिया, शायद यही वजह थी कि उन्हें अपने जाने का अहसास भी पहले ही हो गया था और उन्होने 70 साल की उम्र में जाने की बात पहले ही परिजनों को बता दी थी ।

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