मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज राजधानी रायपुर स्थित निजी होटल में टाईम्स गु्रप द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘‘मिरर नॉउ समिट-छत्तीसगढ़ पाथ टू प्रोग्रेस‘‘ में शामिल हुए। मुख्यमंत्री बघेल ने छत्तीसगढ़ के विकास को लेकर शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन और सकारात्मक परिणामों पर अपनी बातें रखी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ जैसे भौगोलिक रूप से छोटे राज्यों में भी बेहतर काम हो रहे है और यहां लोग खुशहाल है। उन्होंने कहा कि देश की आधी से अधिक आबादी किसान है और छतीसगढ़ में तो 75 फीसदी से अधिक लोग खेती-किसानी से जुड़े है। हमने किसानी को फायदे का व्यवसाय बनाया और उन्हें उपज का सही दाम देने का काम किया है। हमारी प्राथमिकता न केवल कृषि केंद्रित रही बल्कि इसके समानांतर हमने वनांचल में रहने वाले लोगों के सामाजिक व आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में प्रभावी काम किया है।
बघेल ने गोधन न्याय योजना से किसानो व पशुपालकों के जीवन में आए बदलावों पर अपनी बात रखते हुए कहा कि हमने इसे लागू करने से पहले शासन स्तर पर लंबा अध्ययन किया और उसके बाद ही लोगों को इससे जोड़ा गया। अब तक 265 करोड़ रुपये की गोबर की खरीदी और लगभग 300 करोड़ रूपये की वर्मीकम्पोस्ट तैयार हो चुका है। साथ ही 10 हजार 200 गौठानों में से 6500 गौठान स्वावलंबी हो चुके है। उन्होंने कहा कि गौठान में आजीविका के लिए बहुत सारी एलाइड गतिविधियां संचालित हो रही है और 13 हजार से अधिक स्व-सहायता समूहों की 2 लाख से अधिक महिलाओं को रोजगार मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सल प्रभावित इलाकों का दायरा घटा है और इन इलाकों में हमने विकासात्मक कार्यों को बढ़ावा दिया। अब वनांचलों में 67 प्रकार के वनोपज की खरीदी कर रहे है। वन उत्पादोें के वैल्यू एडिशन से मुनाफे में बढ़ोत्तरी हुई है। मुझे खुशी है कि देश का सबसे बड़ा मिलेट प्लांट छत्तीसगढ़ में स्थापित किया गया है। और समर्थन मूल्य में इसकी भी खरीदी की जा रही है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ कमलप्रीत सिंह, मिरर नाउ के मैनेजिंग एडिटर निकुंज गर्ग उपस्थित थे।
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