छत्तीसगढ़ में आसमान से बरसी मौत, सदन में जोरदार हंगामा

छत्तीसगढ़ के कई जिलों में बेमौसम बारिश हुई. बरसात के कारण किसानों की फसल को नुकसान हुआ है. चक्रवात के असर से उत्तरी छत्तीसगढ़ के सरगुजा और
बलरामपुर जिलों में पिछले दिनों गरज-चमक के साथ बारिश हुई. कई जगहों में ओले भी गिरे हैं. बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि के कारण फसलों का काफी नुकसान हुआ है।
सरगुजा, सूरजपुर एवं बलरामपुर जिलों में पूरे दिन बादल छाए रहे. सबसे ज्यादा नुकसान टमाटर और गर्मियों की शुरुआत में आने वाली सब्जियों को हुआ है.खीरा, लौकी
और ककड़ी जैसी फसलें पूरी तरह से चौपट हो गई है.इस पूरे मामले को लेकर छत्तीसगढ़ विधानसभा में भी जमकर हंगामा हुआ. विपक्ष ने सरकार से किसानों के फसल
नुकसान और मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग उठाई. विपक्ष ने कहा कि असमय हुई बारिश और ओलावृष्टि से असमय ही किसानों को काफी नुकसान हुआ है.
ग्रामीण क्षेत्रों में जनहानि भी हुई है.सरकार को चाहिए कि वो इस गंभीर मामले में तुरंत एक्शन लेते हुए सभी को राहत पहुंचाए. वहीं विपक्ष के नेता नारायण चंदेल ने मृतकों के
प्रति शोक व्यक्त करते हुए परिवार को 4-4 लाख मुआवजा देने की भी मांग की.इस पूरे मामले में विपक्ष ने सदन में चर्चा की मांग की थी. लेकिन विधानसभा उपाध्यक्ष ने
विपक्ष की इस मांग को खारिज करते हुए उन्हें आश्वासन दिया कि किसी और दिन इस बारे में चर्चा होगी. वहीं सत्ता पक्ष ने ओलावृष्टि और जनहानि को लेकर जानकारी सदन
में साझा की.जिसमें 8 लोगों की मौत की जानकारी सामने आई है. जिसमें से 7 की मौत आकाशीय बिजली गिरने और एक की मौत ओलाव़ृष्टि की चपेट में आने से हुई है.
राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की माने तो सरकार ने फसलों के हुए नुकसान का आंकड़ा हासिल कर लिया है. मौसमी प्रकोप के कारण हुए फसल नुकसान का मुआवजा 15
दिवस के अंदर देने का प्रावधान है. इसलिए प्रभावित जिलों के कलेक्टर से जानकारी मांगी गई है.ताकि जल्दी से जल्दी किसानों तक राहत पहुंचाई जा सके. इस पूरे मामले
में सदन के अंदर बीजेपी का रुख आक्रमक रहा वहीं सत्ता पक्ष ने विपक्ष को सारी जानकारी मुहैया करवाकर ये साबित किया वो कितनी संवेदनशील है |