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आगरा में धर्मांतरण गिरोह का पर्दाफाश, मुख्य आरोपी राजकुमार लालवानी की बैंक ट्रांजैक्शन पर भी जांच

आगरा के थाना शाहगंज पुलिस ने 2 सितंबर को एक बड़ा गिरोह पकड़ा, जो बीमारी और कष्ट दूर करने के बहाने लोगों को धर्मांतरण के जाल में फंसा रहा था। इस गिरोह के मुख्य आरोपी राजकुमार लालवानी को अब पुलिस रिमांड पर लेने की तैयारी में है। उसकी बैंक खातों की भी बारीकी से जांच हो रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसके खाते में कब, कहां से और कितनी रकम आई।

बीमारी दूर करने के नाम पर धर्मांतरण का जाल

पुलिस के मुताबिक गिरोह लोगों को बीमारी, कष्ट दूर करने का झांसा देता था और फिर हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करता था। आरोप है कि धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया में विशेष रीति-रिवाजों का पालन नहीं करने दिया जाता था। जैसे कलावा पहनना और तिलक लगाना मना था, तथा मूरतियां घर में नहीं रखने दी जाती थीं। खास बात यह थी कि कीर्तन सभाओं में मांस खाने और खून पीने के रीति-रिवाज को अपनाकर धर्म परिवर्तन कराया जाता था।

मांस-खून के संग छलावा, लोगों से वसूली भी

धर्मांतरण के बहाने लोगों से रकम वसूली भी की जाती थी, जो गिरोह के सदस्यों में बांट ली जाती थी। इस गिरोह ने इसे राज़ बनाए रखा और किसी भी धर्मांतरण के लिए आधिकारिक प्रमाणपत्र नहीं दिया जाता था।

पूछताछ में खुलासे, महाराष्ट्र और हरियाणा से फंडिंग

पुलिस ने राजकुमार लालवानी से पूछताछ में पाया कि महाराष्ट्र और हरियाणा के कुछ लोग इस गिरोह को फंडिंग कर रहे थे। कई बार रकम उसकी बेटी के खाते में भी भेजी गई। पुलिस फिलहाल सभी लेन-देन का बारीकी से आंकलन कर रही है।

रिमांड के लिए पुलिस कोर्ट में प्रार्थना पत्र

एसीपी लोहामंडी मयंक तिवारी ने बताया कि गिरोह में शामिल अन्य सदस्यों की पहचान और पूरी सच्चाई सामने लाने के लिए राजकुमार को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। जल्द ही पुलिस कोर्ट में रिमांड के लिए प्रार्थनापत्र पेश करेगी।

ऑनलाइन प्रार्थनासभाओं के जरिये फैलाया प्रचार

राजकुमार लालवानी ने धर्मांतरण को ऑनलाइन भी बढ़ावा दिया। गूगल मीट के जरिए प्रार्थनासभाएं आयोजित की जाती थीं, जिसमें देश-विदेश से लोग जुड़ते थे। यूट्यूब चैनल पर वीडियो अपलोड कर ईसाई धर्म का प्रचार भी किया जाता था। पुलिस ने उसके पास से डायरी और रजिस्टर भी बरामद किए हैं, जिनमें कई लोगों के नाम और नंबर दर्ज हैं।

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