Chhattisgarh : इस नदी का पानी अचानक गायब
बालोद बाजार ब्लॉक मुख्यालय सिमगा से 15 किलोमीटर दूर शिवनाथ नदी के तट पर स्थित विधायक गोद ग्राम तुलसी में नदी में अचानक पानी गायब होने से ग्रामीण अचंभित हैं। वहीं एरीगेशन विभाग ने मौके पर जांच के लिए इंजीनियर को भेजने की बात कही। प्राप्त जानकारी के अनुसार तुलसी में शिवनाथ नदी में दो बड़े-बड़े होल (छेद) में नदी का पानी समां गया। जिससे नदी सूख गई।
प्रत्यक्षदर्शी देवलाल निषाद अपने साथियों टिकेश, योगेश, दिलीप के साथ रोज की तरह नदी में मछली पकड़ने गया था। उन्होंने बताया कि लगभग 10 दिन से नदी में भंवर पड़ते देख रहा था लेकिन वह काफी गहरा है इसलिए उन्होंने ध्यान नहीं दिया लेकिन पिछले तीन दिन में नदी का पानी होल में समा गया।
यह घटना गांव में आग की तरह फैल गई। खबर की जानकारी मिलते ही तुलसी में नदी में बने दो बड़े होल जो लगभग डेढ़ से दो फीट को देखा गया। ग्रामीणों से चर्चा कर जानकारी ली गई। ग्राम सरपंच हेमलता तिवारी ने बताया नदी में जिस स्थान पर होल बन गए हैं वह नदी का डाउन एरिया है वहां गर्मी के समय भी पानी पर्याप्त भरा रहता है जिससे ग्रामीण निस्तारी करते हैं।
सरपंच ने बताया कि कितनी भी गर्मी क्यों न हो नदी की धार पतला होने के बाद भी इस डाउन एरिया में हमेशा पानी भरा रहता है लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब नदी ही सूख गई। नदी में 1000 मीटर लंबाई 500 मीटर चाडा व 12 फीट गहराई में हजारों लीटर पानी कहां गया समझ से परे हैं।
अचानक बढ़ा 8-10 फीट जलस्तर
वहीं ग्रामीणों ने बताया कि तुलसी के पड़ोसी गांव तोरा चक्रवाय के बाद नदी किनारे स्थित गांव चोरहा नवांगांव में नदी में अचानक 8 से 10 फीट पानी का जल स्तर बढ़ गया। जब तुलसी के सरपंच प्रतिनिधि चंद्रमणी तिवारी ने चोरहा नवांगांव के सरपंच उपसरपंच व ग्रामीणों से पूछा तो वे सभी ने भी जल स्तर बढ़ने की बात स्वीकारी। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि सुरंगनुमा होल से नदी का पानी दूसरे स्रोत में मिल गया हो।
होल की चौड़ाई दो फीट व गहराई 10 फीट
इस मामले पर एरीगेशन विभाग बलौदाबाजार से चर्चा करने पर उन्होंने तुरंत इंजीनियर टीआर वर्मा व सब इंजीनियर जेएस महिलांगे को तुलसी भेजा। जहां अधिकारियों ने होल की चौड़ाई दो फीट गहराई टार्च की रोशनी दस फीट तक दिखने की बात कही। उन्होंने कहा कि यहां की जमीन पोला है तो पानी वहां चला गया होगा या दूसरे स्रोत में चला गया होगा। अधिकारियों की टीम ने कहा इस मामले में भूगर्भ शास्त्री ही बता सकते हैं।
गांव के लिए चिंता का विषय
ग्रामीण संतोष साहू, पुनू साहू, शीतल वर्मा, सीताराम वर्मा, जीवन साहू, घनश्याम यादव ने बताया कि नदी के जिस एरिया में होल मिला है उस एरिया के खेतों में बोर खनन करने पर 100 फीट के बाद जमीन पोला मिलता है जिसके कारण बोर खनन नहीं हो पाता।
यह पूरे गांव के लिए चिंता का विषय है क्योंकि बसाहट वाले जमीन भी पोला निकले तो भविष्य में दुर्घटना की आशंका बनी रहेगी। इसी तरह गांव के पीलेश्वेर साहू ने बताया कि पिछले माह उनके खेत में भी 120 फीट बोर खनन के बाद जमीन पोला मिलने से बोर खनन नहीं हो पाया। सरपंच श्रीमती तिवारी ने बताया कि शिवनाथ नदी तुलसी के जीवनदायिनी नदी है यह संकट पहली बार निर्मित हुई है।