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बेंगलुरु में मोदी पाकिस्तान पर भी बरसे और कांग्रेस पर भी, संतों से मांगा सहयोग

बेंगलुरु (Realtimes)  पीएम नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय यात्रा पर बेंगलुरू और तुमकुरू में रहेंगे। इस दौरान वह रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की यात्रा सहित कई कार्यक्रमों में भाग लेंगे । इसी के तहत उन्होने तुमकुर में श्री सिद्धगंगा मठ में एक सभा को संबोधित किया । जिसमें उन्होने पाकिस्तान की बात भी की और भारत की 21वीं सदी की शुरुआत को लेकर अपनी बात रखी ।

पीएम मोदी ने इस कहा कि मैं यहां संत समाज से 3 संकल्पों में सक्रिय सहयोग चाहता हूं। पहला- अपने वे अपने कर्तव्यों और दायित्वों को महत्व देने की पुरातन संस्कृति को फिर से मजबूत करने की दिशा में काम करें ।  हमें फिर मजबूत करना है। दूसरा, प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा और तीसरा, जल संरक्षण, जल संचयन के लिए जनजागरण में सहयोग। उन्होंने आगे कहा कि भारत ने हमेशा संतों को, ऋषियों को, गुरुओं को सही मार्ग के लिए एक प्रकाश स्तंभ के रूप में देखा है। न्यू इंडिया में भी सिद्दागंगा मठ, आध्यात्म और आस्था से जुड़े देश के हर नेतृत्व की भूमिका अहम है।

 

कर्नाटक के तुमकुर में रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री न कहा कि अगर आपको नारे लगाने ही हैं तो पाकिस्तान में जिस तरह अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है, उसे जुड़े नारे लगाइए।अगर आपको जुलूस निकालना ही तो पाकिस्तान से आए हिंदू-दलित-पीड़ित-शोषितों के समर्थन में जुलूस निकालिए।

तुमकुर में श्री सिद्धगंगा मठ में बोलते हुए PM मोदी ने कहा कि जो लोग आज भारत की संसद के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं, मैं कहना चाहता हूं कि आज जरूरत है अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की गतिविधियों का पर्दाफाश करने की। अगर आपको आंदोलन करना है, तो पिछले 70 वर्षों के पाकिस्तान के कार्यों के खिलाफ आवाज उठाइए।

उन्होंने कांग्रेस की नीति को लेकर उनपर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का गठन धर्म के आधार पर किया गया था, वहां धार्मिक अल्पसंख्यकों को सताया जा रहा था। उत्पीड़ितों को शरणार्थी के रूप में भारत आने के लिए मजबूर किया गया। लेकिन कांग्रेस और उसके सहयोगी पाकिस्तान के खिलाफ नहीं बोलते हैं, इसके बजाय वे इन शरणार्थियों के खिलाफ रैलियां निकाल रहे हैं।

 

कर्नाटक के तुमकुरु में श्रीसिद्धगंगा मठ में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने 21 वीं सदी के तीसरे दशक में नई ऊर्जा और नए जोश के साथ प्रवेश किया है। आपको याद होगा कि पिछले दशक की शुरुआत के समय देश में किस तरह का माहौल था। लेकिन यह तीसरा दशक उम्मीदों और आकांक्षाओं की मजबूत नींव के साथ शुरू हुआ है।

 

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