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Death anniversary: हेमा मालिनी ने शादी से किया इंकार तो आ गया था हार्ड अटैक !, असल जिंदगी में महिलाओं पर शक करते थे संजीव कुमार

संजीव कुमार का असली नाम हरिभाई जरिवाला है

फिल्म इंड्रस्ट्री में संजीव कुमार एक ऐसे हीरो रहे हैं, जिनकी मौत तब हो गई.  जब आज की पीढ़ी के कई नौजवान पैदा भी नहीं हुए थे.  लेकिन बावजूद इसके, संजीव कुमार का नाम उनकी जुबान पर चढ़ा हुआ है. खासकर शोले फिल्म में निभाया गया उनका ठाकुर वाला किरदार, भला कोई कैसे भूल सकता है. आज भी सोशल मीडिया पर उनके इस किरदार के लोग मजेदार किस्से बनाते रहते हैं. हिंदी सिनेमा के दिग्गज कलाकार संजीव कुमार  ने अपने शानदार अभिनय से हर किसी को अपना मुरीद बनाया था. आइए जानते हैं उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ खास बातें. जो आपको खूब पसंद आएंगी. साथ ही आप ये भी जरूर बताइयेगा, कि उनका कौन सा किरदार आपको सबसे अच्छा लगता है.

संजीव कुमार का असली नाम हरिभाई जरिवाला है.

संजीव कुमार का जन्म ९ जुलाई १९८५ को सूरत में हुआ था. उन्होने अपने फिल्मी करियर में कई सुपरहिट फिल्में दी है. संजीव कुमार को ‘दस्तक’ और ‘कोशिश’ जैसी फिल्मों के लिए नैशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया था. बहुत कम लोग जानते होंगे कि संजीव कुमार का असली नाम हरिभाई जरिवाला था. अगर आप भी उनका असली नाम नहीं जानते थे, तो नीचे कमेंट कर जरूर बताइयेगा. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत गुजराती नाटक और थियेटर से की थी. उनकी पहली फिल्म ‘हम हिंदुस्तान’ थी. और इसके बाद उन्होंने एक से बढ़कर एक फिल्में दीं.

६ नवंबर १९८५ को दुनिया को कह गए अलविदा.

६ नवंबर १९८५ को संजीव कुमार ने दुनिया को अलविदा कह दिया था. उन्होने अपने शुरुआती दौर में राजा और रंक, बचपन, शिकार समेत कई फिल्में की. लेकिन उनके करियर को खास सफलता नहीं मिली. फिल्म इंड्रस्ट्री में उनके काम को पहचान खिलौना फिल्म से मिली थी. इस फिल्म से उनके करियर को नया आयाम मिला था. संजीव अपने समय के एक ऐसे एक्टर थे जो अपने किरदार के साथ ऐक्सपेरिमेंट करते थे . वो अपने से बड़े उम्र के किरदार निभाने से नहीं हिचकिचाते थे.

शोले के बिना हाथ वाले ठाकुर आज भी लोग नहीं भूले.

८० के दशक की शोले फिल्म एक ऐसी फिल्म थी जिसने कामयाबी के सभी रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिये थे. ३ करोड़ की लागत से बनी इस फिल्म ने उस दौर में करीब १५ करोड़ का  बिजनेस किया था. उस वक्त शोले फिल्म बॉलीवुड के इतिहास की  सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गई थी । इसका एक-एक किरदार लोगों के  जहन में आज भी जिंदा है. १९७५ में रिलीज हुई शोले  में संजीव कुमार का निभाया गया ठाकुर का अमर हो गया.  उनका ये किरदार आज भी लोगों को याद है.

हेमा मालिनी को किया था प्रपोज

संजीव कुमार को हेमा मालिनी इतनी ज्यादा पसंद थीं, कि वो अपना रिश्ता लेकर सीधा उनकी मां के पास पहुंच गए थे. लेकिन हेमा मालिनी की मां ने उनके रिश्ते को मना कर दिया था. इसके बाद डिप्रेशन में चल गए थे. और उन्हें 1976 में पहला हार्ट अटैक आया था. इसके बाद उनकी जिंदगी में एक्ट्रेस विजेता पंडित की बहन सुलक्षणा पंडित आईं. सुलक्षणा ने संजीव से अपने प्यार का इजहार किया. वे संजीव कुमार से शादी भी करना चाहती थीं. लेकिन संजीव कुमार ने उनसे शादी नहीं की.

महिलाओं पर शक करते थे संजीव

संजीव कुमार एक बेहतरीन एक्टर थे. लेकिन उनके दिमाग में महिलाओं को लेकर हमेशा शक बना रहता था. संजीव कुमार की दोस्त अभिनेत्री अंजू महेंद्रू ने एक इंटरव्यू में बताया था कि, संजीव कुमार के करीबी लोग, उन्हें अक्सर कहते थे कि लड़कियां उनसे नहीं उनके पैसे से प्यार करती हैं. बस यही बात उनके दिमाग में बैठ गई थी.

संजीव कुमार को लगता था वे ज्यादा नहीं जीएंगे.

आपको जानकर हैरानी होगी कि संजीव कुमार के परिवार के पुरुष ५० साल से ज्यादा तक नहीं जी पाते थे. उन्हें भी यही लगता था. उनके छोटे भाई का निधन उनसे पहले हो गया था. संजीव कुमार ने भी ४७ साल की उम्र में आखिरी सांसे लीं. जबकि उनके दूसरे भाई किशोर का निधन संजीव कुमार की मृत्यु के बाद हो गया था.

मौत के बाद १० फिल्में रिलीज हुईं.

संजीव कुमार के निधन के बाद उनकी १० फिल्में रिलीज हुई थी. इसमें ३ या ४ फिल्मों की शूटिंग पूरी की थी. बाकि फिल्मों की पटकथा के दूसरे पार्ट में थोड़ा- बहुत बदलाव कर उन्हें रिलीज किया गया. तो ये कहानी थी उन एक्टर की जिनकी मौत के ३५ साल बाद भी हम उनकी बात कर रहे हैं. और आपको ये जान कारी दे रहे हैं. क्योंकि संजीव कुमार जैसी शख्सियत कम ही होती हैं. जिनकी उम्र से बड़ा उनका काम होता है, जिसे हर पीढ़ी के लोग याद करना नहीं भूलते, तो आपको भी अगर उनकी ऐसी कोई बात याद आती है, तो नीचे कमेंट कर जरूर बताएं.

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