हिंसा की आग में झुलसी दिल्ली, 13 लोगों की मौत

नईदिल्ली, (Fourth Eye News) नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन और विरोधियों के गुटों ने दिल्ली में भयावह रूप ले लिया है. दिल्ली में पिछले दो दिनों में प्रदर्शन हिंसक हो चुका है, नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के कई इलाकों में इस दौरान हिंसा हुई. जिसमें अब तक 13 लोगों की जान ले ली है। जबकि 250 से अधिक लोग घायल हैं, जिनमें करीब 56 से अधिक पुलिस के जवान हैं।
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर नॉर्थ ईस्ट दिल्ली यानी उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर और चांदबाग में रविवार, सोमवार और मंगलवार को लगातार हिंसा हुई, जिसकी वजह से प्रशासन ने धारा 144 लगा दिया है और पुलिस की भारी तैनाती की है ।
इन इलाकों में जारी है तनाव:
उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, ब्रह्मपुरी, बाबरपुर, कर्दमपुरी, सुदामापुरी, घोंडा चौक, करावल नगर, मुस्तफाबाद, चांदबाग, नूरे इलाही, भजनपुरा और गोकलपुरी इलाके हिंसाग्रस्त हैं और बीते तीन दिनों से यहां तनाव जारी है। मंगलवार सुबह भी दोनों पक्ष के लोग सड़क पर आए और जमकर बवाल काटाय़ कर्दमपुरी और सुदामापुरी इलाके में दिनभर रुक-रुककर पथराव और फायरिंग होती रही।
आगजनी, लूटपाट: करावल नगर में मुख्य सड़क पर दुकानों और मकानों में आग लगा दी गई। उनमें लूटपाट भी की गई। नूरे इलाही में भी फायरिंग हुई। गोकलपुरी में एक धार्मिक स्थल पर आग लगा दी। घरों में तोड़फोड़ की गई। पथराव के साथ फायरिंग हुई। घोंडा चौक पर मिनी बस, बाइक समेत अन्य वाहनों में आग लगा दी गई।
उपद्रवियों को चेतावनी:
कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए देर रात दिल्ली पुलिस ने कई इलाकों में माइक से उपद्रवियों को सख्त संदेश दिया। हिंसा भड़काने वालों को देखते ही गोली मारने की चेतावनी दी गई। पुलिस ने देर शाम जाफराबाद और मौजपुर में प्रदर्शनकारियों को हटा दिया।
शाह ने दो बार बैठक की:
राजधानी में हालात बिगड़ते देख केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दोपहर में भाजपा, कांग्रेस और आप नेताओं के साथ बैठक की। इसके बाद उन्होंने देर शाम सात बजे दोबारा आला अधिकारियों के साथ हालात की समीक्षा की।
शांति की अपील:
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी सुबह आपात बैठक की। उन्होंने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ दोपहर में अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल भी जाना। शाम को मुख्यमंत्री शहीद हेड कांस्टेबल रतनलाल के परिवार से मिलने बुराड़ी पहुंचे लेकिन उन्हें बीच से लौटना पड़ा। उसी समय रतनलाल का पार्थिव शरीर पहुंचा था और सैकड़ों लोग जुटे थे।
सीमाएं सील की गई: दिल्ली में हुई घटना के बाद गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र से सटे बॉर्डर को सील कर दिया गया है। जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे के मुताबिक, जिले में धारा 144 लागू है। उधर, नोएडा में कानून-व्यवस्था के मद्देनजर रेड अलर्ट जारी किया गया है। सीमाओं पर भारी सुरक्षाबल तैनात है।
स्कूल बंद और परीक्षाएं स्थगित:
उत्तर पूर्वी जिले के स्कूल बुधवार को भी बंद रहेंगे। दिल्ली सरकार ने गृह परीक्षाएं स्थगित करने की घोषणा की है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। सरकार ने सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाएं भी स्थगित करने का आग्रह किया है।
मेट्रो स्टेशन बंद
हिंसा के चलते पिंक लाइन मेट्रो लाइन के पांच स्टेशन बंद रहे। इनमें शिव विहार, जौहरी एंक्लेव, गोकुलपुरी, मौजपुर और जाफराबाद मेट्रो स्टेशन शामिल रहे। पिंक लाइन पर मेट्रो को केवल मजलिस पार्क से वेलकम तक चलाया गया। बताया जा रहा है कि आज भी ये पांच स्टेशन बंद रहेंगे।
दुकानों पर कतार लगी: उधर हिंसा प्रभावित इलाकों में लोगों ने राशन सामग्री जुटानी शुरू कर दी। शाम को राशन की दुकानों पर कतार लगनी शुरू हो गई। कई जगहों पर लोगों ने बढ़ी हुई कीमतों पर भी सामान खरीदा।
अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर भीड़ तितर-बितर:
दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर दिल्ली हिंसा के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने और जल्द से जल्द शांति बहाली की मांग कर रहे लोगों को वहां से हटा दिया है।
अजीत डोभाल ने स्थिति का जायजा लिया:
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल आज देर रात हालात का जायजा लेने के लिए सीलमपुर पहुंचे। डोभाल ने पुलिस के आला अधिकारियों से बातचीत की। सीलमपुर स्थित डिप्टी कमिश्नर ऑफ नॉर्थ-ईस्ट पुलिस के ऑफिस में करीब एक घंटे तक पुलिस कमिश्नर समेत पुलिस के अन्य आला अफसरों के साथ बैठक करने के बाद अजीत डोभाल सीलमपुर से निकल गए।
कैसे शुरू हुई हिंसा:
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बड़ी संख्या में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने रविवार को सड़क अवरुद्ध कर दी थी जिसके बाद जाफराबाद में सीएए के समर्थकों और विरोधियों के बीच झड़प शुरू हो गई थी। दिल्ली के कई अन्य इलाकों में भी ऐसे ही धरने शुरू हो गए। मौजपुर में भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने एक सभा बुलाई थी जिसमें मांग की गई थी कि पुलिस तीन दिन के भीतर सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को हटाए। इसके तुरंत बाद दो समूहों के सदस्यों ने एक-दूसरे पर पथराव किया, जिसके चलते पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।
कपिल मिश्रा ने क्या कहा था:
कपिल मिश्रा ने पुलिस को अल्टीमेटम दिया था। उन्होंने कहा था हम ट्रंप (अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप) के यहां रहने तक इंतजार करेंगे। अगर रास्ता साफ नहीं किया जाता है तो फिर आम आपकी (पुलिस) भी नहीं सुनेंगे। हम आपसे (पुलिस) यह अपील करते हैं कि ट्रंप के जाने तक जाफराबाद और चांदबाग को खाली करा दें। अगर नहीं तो हमें गलियों में उतरना पड़ेगा।