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मसूद को बचाने की वजह से चाइनीज माल पर बैन की मांग

संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में चीन ने एक बार फिर से अड़ंगा लगाकर मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित होने से बचा लिया. इसके बाद भारत में चीनी सामानों के बहिष्कार के लिए अपील शुरू हो गई है. सोशल मीडिया पर #BoycottChineseProducts और #BoycottChina ट्रेंड करने लगा है. लोगों ने देशभक्ति जाहिर करते हुए चीनी सामान ना खरीदने की बात कहीं है. लेकिन क्या ये संभव है.

दोनों देशों के बीच कारोबार पर एक नजर
>> चीन भारत का सबसे बड़ा कारोबार सहयोगी है. सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, साल 2017-18 में भारत से चीन को 13.4 अरब डॉलर (920 अरब रुपए) का एक्सपोर्ट हुआ, जबकि चीन से आयात 76.4 अरब डॉलर (5348 अरब रुपए) का हुआ.

>> इस तरह भारत को 63 अरब डॉलर का व्यापार घाटा हुआ. चीन से भारत के आयात में हर साल इजाफा हो रहा है. साल 2016-17 में 51.11 अरब डॉलर का आयात हुआ था.

>> इस वक्त पूरा सदर बाज़ार चीन से ही माल मंगा रहा है और हर ग्राहक की ज़ुबान पर एक ही बात होती है कि कुछ नया मिला, कुछ सस्ता मिला और बहुत सुंदर मिला.

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में दोनों देशों की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि साल 2020 तक चीन और भारत के बीच व्यापार को 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे.

चीन का सामान
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि भारत पावर और मेडिसन के लिए चीन पर काफी निर्भर करता है. भारतीय सोलर मार्केट चीनी प्रोडक्ट पर निर्भर है. भारत का थर्मल पावर भी चीनियों पर ही निर्भर हैं. पावर सेक्टर के 70 से 80 फीसदी उत्पाद चीन से आते हैं.

दवाइयों के लिए कच्चा माल का आयात भी भारत चीन से ही करता है. इस मामले में भी भारत पूरी तरह से चीन पर निर्भर है. पिछले 40 साल में चीन ने यूरोपीय देशों से काफी सीखा है. वह टेक्नोलॉजी को बेहतर कर सामान को सस्ते में बेचता है.

दोनों देशों की अर्थव्यवस्था
चीन की अर्थव्यवस्था का आकार 11.5 ट्रिलियन डॉलर का है जबकि भारत का चीन के मुकाबले पांच गुना छोटा है. भारत की अर्थव्यवस्था 3 ट्रिलियन डॉलर की है. प्रोफ़ेसर दीपक ने कहा, चीन और जापान के बीच 300 बिलियन डॉलर का व्यापार है. दोनों में इस कदर दुश्मनी है फिर भी युद्ध नहीं होता है. इसकी वजह व्यापार का आकार है. इस मामले में भारत कहीं नहीं ठहरता है.

चीन का दुनिया के आर्थिक विकास में 33 फीसदी योगदान है. अमेरिका के साथ चीन का सालाना व्यापार 429 बिलियन डॉलर का है. ऐसे में भारत से चीन का 70 बिलियन डॉलर का व्यापार कहीं ठहरता नहीं है. अगर 11.5 ट्रिलियन डॉलर से भारत का छोटा हिस्सा निकल भी जाए तो चीन को कई फर्क नहीं पड़ेगा.

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