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जशपुर में पर्यटन और कृषि क्रांति की नई शुरुआत, स्व सहायता समूह और किसानों को मिलेगा लाभ

रायपुर। 14 सितंबर को मुख्यमंत्री कार्यालय बगिया में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें पर्यटन और कृषि क्रांति का शुभारंभ हुआ। जशपुर में इको टूरिज्म और होमस्टे परियोजनाओं के माध्यम से आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाए गए हैं। इस पहल से स्थानीय स्व सहायता समूह और किसानों को सीधे लाभ मिलेगा।

कार्यक्रम में कई वरिष्ठ अधिकारी, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद थे। विकास के क्षेत्र में लगातार प्रगति कर रहा छत्तीसगढ़, प्रधानमंत्री के “सबका साथ, सबका विकास” के मंत्र को साकार कर रहा है।

जशपुर जम्बूरी जैसी पहलों के जरिए क्षेत्र को पर्यटन के नक्शे पर लाने का प्रयास जारी है। 2024 में सफलतापूर्वक सम्पन्न पहली जशपुर जम्बूरी ने आसपास के राज्यों से बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित किया। आगामी 6 से 9 नवंबर 2025 तक दूसरी जशपुर जम्बूरी का आयोजन होगा, जिसमें एडवेंचर स्पोर्ट्स, जनजातीय संस्कृति, लोक कला और व्यंजन सभी का शानदार मिश्रण देखने को मिलेगा।

मयाली नेचर कैंप में नई सुविधाएं जोड़ी गई हैं, साथ ही जशपुर के मधेश्वर पहाड़ को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया है, जो इसे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र बनाता है। होम-स्टे नीति के माध्यम से स्थानीय समुदायों को रोजगार के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत भी संरक्षित होगी।

इसके अलावा, डिजिटल मार्केटिंग और GIS मैपिंग से जशपुर की पहुंच बढ़ाने का भी लक्ष्य रखा गया है, ताकि यह क्षेत्र राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय हो सके। युवाओं को भी प्रशिक्षण देकर वैश्विक मानकों पर खरा उतरने के लिए तैयार किया जाएगा।

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