छत्तीसगढ़ में बढ़ते अपराध पर DGP Arun Dev Gautam का वार: अब सड़क पर दिखेगी पुलिस

रायपुर। छत्तीसगढ़ में बढ़ता अपराध और चाकूबाजी की घटनाएं अब पुलिस महकमे को हिला चुकी हैं। नशे का फैलता कारोबार और सड़कों पर खून से लथपथ होती वारदातों ने हालात को गंभीर बना दिया है। यही वजह रही कि रविवार को डीजीपी अरुण देव गौतम ने सभी रेंज अधिकारियों की आपात बैठक बुलाकर सीधा संदेश दिया – अब पुलिस सिर्फ दफ्तरों में नहीं, बल्कि सड़कों पर दिखाई देगी।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दोपहर 12 बजे हुई इस मीटिंग में डीजीपी गौतम ने अफसरों से कड़ी नाराजगी जताई और साफ कहा कि हर रेंज में पुलिस की मौजूदगी जनता को महसूस होनी चाहिए। अब सिर्फ जवान नहीं, बल्कि राजपत्रित अधिकारी भी फील्ड में उतरेंगे और जनता के बीच अपनी मौजूदगी दर्ज कराएंगे।
आदेश हुआ – बिना परमिट गाड़ियां जब्त होंगी, नशे का धंधा जड़ से खत्म किया जाएगा और चाकूबाजों पर सीधी सख्त कार्रवाई होगी।
धमतरी की घटना, जिसमें रायपुर के तीन युवकों की जान गई, ने सरकार और पुलिस दोनों की चिंता बढ़ा दी थी। इसी के साथ हाईकोर्ट ने भी चाकूबाजी के मामलों पर गंभीरता दिखाते हुए डीजीपी, आईजी, एसपी, गृह सचिव और मुख्य सचिव से व्यक्तिगत एफिडेविट मांगा है कि आखिर प्रदेश में अपराध रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
अब संकेत साफ हैं – पुलिस आक्रामक मोड में है।
सख्त अभियान, बड़े पैमाने पर तलाशी और नशे के कारोबार पर शिकंजा कसने की तैयारी हो चुकी है। चाकूबाजों और नशे के सौदागरों के दिन गिने-चुने हैं।
आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ की सड़कों पर पुलिस की गश्त और दबिश देखने को मिलेगी। यह सिर्फ एक बैठक नहीं, बल्कि बड़े ऑपरेशन का ऐलान है।