भारत में डोनाल्ड ट्रंप ने मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ाईं या साथ दिया?जानिये
अमेरिका में जब कभी डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिया जाएगा, तो कैपिटल हिल हिंसा, उनके ख़िलाफ़ लाए गए महाअभियोग प्रस्ताव, विश्व स्वस्थ्य संगठन के साथ उनकी तनातनी, ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन, प्रेस के साथ उनकी तकरार- जैसी कुछ घटनाओं का ज़िक्र हमेशा किया जाएगा.इन यादों में कड़वाहट ज़्यादा है. लेकिन क्या भारत के संदर्भ में भी ये बात उतनी ही सही है. आज बात ट्रंप और भारत के रिश्तों की.
डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान एक बार भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका गए और एक बार डोनाल्ड ट्रंप का उन्होंने स्वागत भारत में किया. इन दो बड़ी भव्य और चर्चित मुलाक़ातों के अलावा भी मोदी और ट्रंप की कई अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में मुलाक़ातें हुईं. भारत और अमेरिका एक दूसरे को दोस्त मानते आए हैं. मोदी और ट्रंप के कार्यकाल में इस दोस्ती के रिश्ते में कई बार उतार चढ़ाव भी रहे हैं.
लेकिन अब जब डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के भूत पूर्व राष्ट्रपति होने जा रहे हैं, तो भारत में उनके कार्यकाल के बारे में वो कौन सी बातें हैं जिनको याद किया जाएगा. इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए घड़ी की सुईयों को चार साल पहले ले जाने की ज़रूरत होगी.