धर्म

भूलकर भी इस समय न करें दान-पुण्य का काम

दुनिया मे जितने भी धर्म एयर उनके अनुयायी हैं वो दान-पुण्य को विशेष महत्व देते हैं। धर्मों एवं धार्मिक ग्रंथों में भी उसे महान कार्य माना गया है। जरूरतमंदों को दान देने की परंपरा पुरातन काल से ही चलती आई है। हर धर्म मे भले इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है लेकिन सबका लक्ष्य एक ही होता है वो है दीन दुखियों की मदद एवं मानव स्वरूप की भलाई। सिख धर्म मे इसे दसवंध तो मुस्लिम धर्म मे इसे जकात के नाम से जाना जाता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि दान धर्म के लिए भी समय का विशेष महत्व होता है। दान किसी भी समय करना आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है इसलिए इसका पालन भी धर्म ग्रंथों में उल्लेखित समय के आधार पर ही करना दानदाता और जरूरतमंद दोनों के लिए लाभकारी होता है।

1- शाम के समय किसी को भी प्याज और लहसुन देने से बचना चाहिए। केतु ग्रह से इसका संबंध होने के कारण यह जादू टोना के भी मूल भाव मे गिना जाता है। यह शाम के समय अपशगुन होता है।

2- जिस व्यक्ति का गुरु मजबूत हो उन्हें शाम के समय हल्दी नहीं देना चाहिए। यूं कहें तो गुरु के जातक को हल्दी के दान से बचना लाभकारी होता है। इससे धन वैभव में कमी आती है।

3- शाम के समय किसी को दूध का दान नहीं करना चाहिए। क्योंकि इसका सीधा संबंध विष्णु एवं लक्ष्मी से होता है। शाम को इसका दान करना अपने सुख शांति को नष्ट करने के समान माना गया है।

4- दही का दान भी अनुपयोगी माना गया है। बताते हैं कि दही का संबंध शुक्र ग्रह से होता है। शुक्र किसी भी जातक के लिए सुख एवं वैभव का कारक होता है। अतः संध्या के समय इसका दान अलाभकारी माना जाता है।

 

 

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