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इन खूबियों की वजह से पीएम मोदी हैं एक कुशल वक्ता, क्या आप में हैं यह खूबियां ?

नमस्कार दोस्तों, आपका बहुत-बहुत स्वागत है। दोस्तों जैसा कि हम सभी जानते हैं कि एक अच्छा राजनेता एक कुशल वक्ता भी होता है। और बात जब हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हो तब तो ये सभी जानते ही हैं कि उनकी वाकपटुता की पूरी दुनिया कायल है। आज हम आपको पीएम मोदी के वक्तव्य से जुडी कुछ ऐसी ही बातें बताने जा रहे हैं, जो उन्हें एक कुशल वक्ता बनाती हैं, अगर आप भी इन बातों को आत्मसात करें तो एक बेहतरीन स्पीकर बन सकते हैं।

मुद्दे की जानकारीः प्रधानमंत्री की ये बहुत बड़ी खासियत है कि वो किसी मुद्दे पर बोलते हुए सतही बात नहीं करते, अपनी बात के साथ वो उससे जुड़ा साक्ष्य या इतिहास के किसी किस्से के साथ उसे जोड़ देते हैं। अगर आपको वाकई शौक है कि आप एक अच्छे वक्तता बने तो इसके लिए सबसे जरूरी है कि आपको जिस मुद्दे पर बात करनी है उसकी तह तक जानकारी आपके पास होनी चाहिए।जब तक आप मुद्दे को तह तक नहीं जानेंगे तो आप खुल कर बोल ही नहीं पाएंगे।

स्पष्ट उच्चारणः भाषण देना या बड़ी ऑडियंस के सामने बोलना हो तो आपको सुनने वाले की रुची का भी ख्याल रखना होता है। आप अगर अपनी बात रखते हुए शब्दों को आघा अधूरा बाहर निकालेंगे तो ऑडियंस आपसे धीरे-धीरे बोर होने लगती है और वो आपसे कटने लगती है।

पेट से आवाज निकालनाः कभी जोर से जोर से चीख कर अपनी बात ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने की कोशिश करने वाले को ध्यान से सुनिएगा वो गले से नहीं बल्कि पेट से बोलता है। इससे फायदा ये होता है कि आवाज साफ और तेज निकलती है। इसके अलावे आवाज में वजन आता है।

वॉइस मोड्युलेशन : अपनी जरूरत के हिसाब से और मौके की नजाकत को ध्यान में रख कर उस अंदाज में अपनी बात पेश करते हैं। इससे जनता या सुननेवाला आपकी तरफ सम्मोहित होने लगता है। शायद अब आपको पता ही हो कि जब नरेंद्र मोदी अपनी बात रख रहे होते हैं तो जनता क्यों तालियां पीटती रहती है।

एक्सप्रेशनः आवाज के बाद एक वक्ता का सबसे बड़ा हथियार होता है उसके एक्सप्रेशन। आप किस मौके पर किस मुद्दे पर बात कर रहे हैं आपके चेहरे का एक्सप्रेसन उस हिसाब से तय होता है। इससे जनता को इस बात से बात फर्क नही पड़ता कि आप उसके मतलब की कितनी बात कर रहे हैं। उसे बस आपकी बात सुनने का आनंद लेना होता है।

सामने की ऑडियंस से इंटरेक्शनः अब बारी आती है, जनता से या सुनने वाले से आप कितना इंटरेक्ट करते हैं। वरना सुनने वाले को ऐसा महसूस होता है कि आप सिर्फ अपनी बात कहे जा रहे हैं एक राग अलाप रहे हैं और वो बोर हो कर आपसे दूर भागना शुरू करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी भाषण हों या किसी मौका विशेष का भाषण हो, उनमें ऑडियंस से सवाल को भी जगह दी जाती है। जैसे…बिजली मिली? घर मिला? या कोई वादा किया था वो पूरा हुआ?इससे जनता आपसे खुद को कनेक्टेड मानती है। तो दोस्तों, इन सारे पॉइंट्स के अलावा क्या कोई और ऐसी बात है जो पीएम को एक प्रभावी वक्ता बनाती है ? अपनी राय हम तक कमेंट बॉक्स के माध्यम से ज़रूर पहुंचाएं, बने रहिए हमारे साथ, नमस्कार।

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