ED कोर्ट ने खारिज की चैतन्य बघेल की जमानत, रायपुर जेल में रहना होगा 101 दिन से बंद

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के लिए राहत की कोई गुंजाइश नहीं। ED की स्पेशल कोर्ट ने उनकी पहली जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। अब चैतन्य को रायपुर केंद्रीय जेल में ही रहना होगा।
24 अक्टूबर को हुई सुनवाई के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे सोमवार को सुनाया गया। कोर्ट ने कहा कि चैतन्य बघेल की रिहाई से जांच प्रभावित हो सकती है, इसलिए जमानत नामुमकिन है।
चैतन्य ने पहले हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी, लेकिन किसी भी स्तर पर राहत नहीं मिली। 17 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी वैध ठहराई थी, जिसके बाद यह याचिका विशेष अदालत में दायर की गई।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अनुसार, चैतन्य बघेल को शराब घोटाले से 16.70 करोड़ रुपए मिले। आरोप है कि यह ब्लैक मनी रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में निवेश की गई। ED का कहना है कि चैतन्य ने ब्लैक मनी को वाइट करने के लिए फर्जी निवेश दिखाया और सिंडिकेट के साथ मिलकर 1000 करोड़ रुपए की हेराफेरी की। चैतन्य बघेल जुलाई में मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार हुए थे और अब 101 दिन से जेल में बंद हैं।



