छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में आबकारी विभाग का बड़ा कदम, 22 अधिकारी निलंबित

रायपुर। छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले मामले में आबकारी विभाग ने कड़ा एक्शन लिया है। जांच में शामिल 22 आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। इन अधिकारियों पर आरोप है कि वे प्रदेश में हुए 2100 करोड़ रुपए के बड़े घोटाले में शामिल थे, जिसमें सिंडिकेट का हिस्सा थे। सिंडिकेट के माध्यम से अफसरों को करीब 88 करोड़ रुपए से अधिक की राशि मिली थी। यह जानकारी अपराध शाखा (EOW) के चालान में सामने आई है, जिसके बाद विभाग ने त्वरित कार्रवाई की।
जांच में यह भी पता चला है कि शराब घोटाले की कुल रकम अब 2100 करोड़ से बढ़कर 3200 करोड़ रुपए हो गई है। सिंडिकेट के मुख्य कारोबारी अनवर ढेबर को 90 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम मिली, जिसे उन्होंने रिश्तेदारों और चार्टर्ड अकाउंटेंट के नाम कई कंपनियों में निवेश किया। EOW की जांच में यह तथ्य भी उजागर हुआ है।
EOW के चालान के अनुसार, शराब डिस्टलर्स से मिलने वाले कमीशन और बी पार्ट की शराब बिक्री से प्राप्त राशि का लगभग 15 प्रतिशत सीधे अनवर ढेबर को जाता था। इस रकम को वसूलने में विकास अग्रवाल और सुब्बू नामक लोगों की भूमिका थी, जो शराब दुकानों से पैसे की वसूली करते थे। यह सिंडिकेट बड़े पैमाने पर शराब कारोबार में अवैध कमाई का जरिया बन चुका था।
आबकारी विभाग और EOW की संयुक्त कार्रवाई जारी है, और आगे भी कई अधिकारियों और कारोबारीयों के खिलाफ जांच की संभावना जताई जा रही है। इस मामले में जल्द ही और भी खुलासे होने की उम्मीद है, जिससे छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार पर सख्त शिकंजा कसने की दिशा में कदम बढ़ेंगे।