छत्तीसगढ़रायपुर

अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए पहली बार खोले जा रहे हैं ,15 नवीन पोस्ट मेट्रिक छात्रावास

 रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ अन्य पिछड़ा वर्ग सलाहकार परिषद की पहली बैठक मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित की गई। मुख्यमंत्री ने सलाहकार परिषद् की बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग के हितों की सुरक्षा, कल्याण एवं सर्वांगीण विकास के लिए राज्य शासन को परामर्श देने हेतु सलाहकार परिषद का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल सभी वर्गों को शासन द्वारा संचालित योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिए। विशेषकर समाज के शैक्षणिक, सामाजिक, आर्थिक विकास, व्यवसाय, रोजगार पर ध्यान देना चाहिए।

गौठानों और रीपा में नई गतिविधियां प्रारंभ करने लोगों को करें प्रोत्साहित
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि गौठानों और रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में लोगों को रोजगार देने के लिए आयमूलक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। यहां और भी नई गतिविधियां संचालित की जा सकती हैं, इसका सुझाव भी दें। उन्होंने कहा कि जिन इलाकों में सब्जियों का अच्छा उत्पादन होता है वहां सब्जियों के व्यापार से जुड़ी गतिविधियां जैसे ड्रायर लगाने और पैकिंजिंग पर ध्यान दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने पहली बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि परिषद् में अन्य पिछड़ा वर्ग की अधिक से अधिक उप जातियों और क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व देने का प्रयास किया गया है। उन्होंने सामूहिक विवाह को प्रोत्साहित करने के लिए हरदिया साहू समाज द्वारा किए गए प्रयासों और सोनकर समाज द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इन दोनों क्षेत्रों में इन समाजों ने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी प्रकार अन्य वर्गों में भी व्यवसाय व रोजगार से जुड़े हुनरमंद लोग हैं। समाज को इन्हें भी प्रोत्साहित कर अपनी पहचान बढ़ाना चाहिए।

सलाहकार परिषद की बैठक में सभी सदस्यों द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग के हितों के लिए परिषद का गठन कर इसमें सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व देने के लिए धन्यवाद दिया। बैठक में जानकारी दी गई कि मुख्यमंत्री बघेल की विशेष पहल पर वर्ष 2023-24 में अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए 15 नवीन पोस्ट मेट्रिक छात्रावासों की स्वीकृति दी गई है। इनमें 8 बालक तथा 7 कन्या छात्रावास शामिल हैं। बैठक में सदस्यों ने बच्चों की शिक्षा के लिए छात्रावासों की संख्या बढ़ाने का सुझाव दिया। सदस्यों द्वारा यह भी सुझाव दिया कि प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग के बच्चों के लिए छात्रावासों में पीईटी, पीएमटी, पीएससी और प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग की व्यवस्था की जाए।

 

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