नई दिल्ली : परीक्षा पर चर्चा : छात्रों के बीच पीएम मोदी ने कहा मैं हूं आपका दोस्त
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और छात्रों के बीच ‘परीक्षा पर चर्चा’ शुरू हो गई है। परीक्षा पर चर्चा में पीएम छात्रों को तनाव के मुक्ति दिलाने के मंत्र देंगे। देशभर के अलग-अलग कोनों से लाखों छात्र-छात्राएं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस कार्यक्रम में हिस्सा बने है। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में यह कार्यक्रम हो रहा है। कार्यक्रम में पीएम मोदी के अलावा एचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर भी मौजूद हैं। इस मौके पर छात्रों को संबोधित करते हुए एचआरडी मिनिस्टर ने कहा, परीक्षा को पर्व के रूप में कैसे मनाया जाए। इसको लेकर प्रधानमंत्री जी ने चिंतन किया है और आज यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा, ‘परीक्षा को पर्व के रूप में कैसे मनाया जाए। इसको लेकर प्रधानमंत्री जी ने चिंतन किया है और आज यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है।प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप प्रतिभा को देश में रोकने में मदद करेगी। यहां रिसर्च लैब बनाए जाएंगे।’ इस कार्यक्रम में पीएम और छात्रों के बीच चर्चा का मुख्य विषय बोर्ड परीक्षा और परीक्षा से जुड़ी समस्याएं हैं। जिसमें परीक्षा के दौरान तनाव और घबराहट जैसी स्थिति से छात्र कैसे निपटें, इस पर भी चर्चा हो रही है। इस परिचर्चा का शीर्षक ‘मेकिंग एक्जाम फन: चैट विद पीएम मोदी’ रखा गया है। इसके शीर्षक से भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि बोर्ड की परीक्षा से पहले बच्चों के मन की उथल-पुथल को शांत किया जाए, ताकि वे पूरे आत्मविश्वास के साथ परीक्षा में बैठें।
सीबीएसई ने तमाम स्कूलों को कार्यक्रम के सीधे प्रसारण की व्यवस्था करने और छात्रों की उपस्थिति सुनिश्चत करने का आदेश जारी किया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चे इसका हिस्सा बन सकें। कार्यक्रम में करीब 10 छात्र-छात्राओं को प्रधानमंत्री से सीधे सवाल पूछने का मौका मिलेगा। यह पूरा कार्यक्रम करीब एक घंटे का होगा। बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण को प्रसारित करने से इनकार कर दिया है। शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने गुरुवार को यह स्पष्ट करते हुए कहा कि यह परीक्षा का समय है। अधिकांश छात्र-छात्राएं तैयारी में व्यस्त हैं। ऐसे में छात्रों के लिए इस तरह का कार्यक्रम आयोजित करना संभव नहीं है। स्कूल-कॉलेज में टीवी के सामने छात्रों को बैठने के लिए बाध्य करना ठीक नहीं है। चटर्जी ने कहा कि यह कोई राष्ट्रीय भाषण नहीं है जो छात्रों को सुनाना जरूरी है। वैसे भी यूजीसी का सभी निर्देश सरकार नहीं मानती है। यूजीसी के सभी निर्देशों का पालन करना जरूरी नहीं है। बच्चों में माध्यमिक, उच्चमाध्यमिक की परीक्षा को लेकर उत्पन्न होने वाले तनाव को कैसे दूर किया जा सकता है इस संबंध में प्रधानमंत्री आज छात्र-छात्राओं को बताएंगे। बंगाल सरकार ने इस का विरोध किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परीक्षा के पहले छात्रों को अपना संदेश देने के लिए एक पुस्तक ‘एग्जाम वॉरियर्स’ (परीक्षा योद्धा) भी लिखी है। यूजीसी ने देश के सभी शिक्षा प्रतिष्ठानों में प्रधानमंत्री का भाषण सुनाने के लिए निर्देश जारी किया है। पश्चिम बंगाल सरकार को भी यह निर्देश मिला है, लेकिन शिक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री के भाषण छात्रों को सुनाने के लिए राज्य के शिक्षा प्रतिष्ठानों में व्यवस्था करने से इनकार कर दिया है।