सूरत से सीखेंगे सफाई के गुर: छत्तीसगढ़ की सभी 55 नगर पालिकाएं होंगी अध्ययन यात्रा पर रवाना

रायपुर। छत्तीसगढ़ की शहरी स्वच्छता व्यवस्था को नई दिशा देने के लिए राज्य सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। अब राज्य की सभी 55 नगर पालिकाओं के अध्यक्ष और मुख्य नगर पालिका अधिकारी (CMO) देश के सबसे स्वच्छ शहरों में शुमार सूरत की सफाई व्यवस्था का मॉडल स्टडी करने के लिए अध्ययन भ्रमण पर जा रहे हैं।
तीन दिवसीय इस यात्रा के दौरान प्रतिनिधि दल सूरत नगर निगम की सफाई व्यवस्था, कचरा प्रबंधन, नवाचारों और तकनीकी समाधानों का अवलोकन करेगा। वे न केवल सिस्टम को करीब से देखेंगे, बल्कि स्थानीय अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और नागरिकों से संवाद कर “स्वच्छता के सूत्र” भी सीखेंगे।
भ्रमण दो बैचों में, अनुभव से बदलेगी नगरपालिकाओं की सोच
पहला बैच: 28 अगस्त से 30 अगस्त तक – 28 नगरपालिकाओं के अध्यक्ष और CMO
दूसरा बैच: 1 सितम्बर से 3 सितम्बर तक – 27 नगरपालिकाओं के अध्यक्ष और CMO
इस दौरे से उम्मीद की जा रही है कि नगरपालिकाएं स्वच्छता के प्रति अपनी सोच को परिणाम-केंद्रित और नवाचार-आधारित बनाएंगी। यह भ्रमण स्थानीय निकायों को अपने-अपने शहरों के लिए स्थायी और सहभागी अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली तैयार करने की दिशा में मदद करेगा।
क्या-क्या देखेंगे सूरत में?
सूरत नगर निगम के पास है भारत की सबसे उन्नत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली, जिसे देखने के लिए यह यात्रा आयोजित की जा रही है। प्रमुख बिंदु:
100% घर-घर कचरा संग्रहण
स्रोत स्तर पर कचरे का पृथक्करण
स्मार्ट ट्रांसफर स्टेशन
अपशिष्ट प्रोसेसिंग यूनिट
जीपीएस-युक्त कचरा वाहन और रीयल टाइम ट्रैकिंग
ICCC (इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर) से निगरानी
वेस्ट-टू-वेल्थ, बायोमाइनिंग और RRR (Reduce-Reuse-Recycle) जैसे नवाचार
सामुदायिक भागीदारी पर आधारित जीरो वेस्ट पहल
प्रतिनिधि दल इन सभी पहलों का अवलोकन करेंगे और केस स्टडी आधारित प्रस्तुतियों के ज़रिए सूरत मॉडल को गहराई से समझेंगे।
इंदौर से मिली प्रेरणा, सूरत से मिलेगा विस्तार
गौरतलब है कि इससे पहले जून माह में राज्य के सभी 14 नगर निगमों के महापौर और आयुक्त इंदौर अध्ययन यात्रा पर गए थे। लौटकर उन्होंने उप मुख्यमंत्री अरुण साव की अध्यक्षता में एक मैराथन कार्यशाला में अपने अनुभव साझा किए, जिसके बाद कई नगर निगमों ने इंदौर की बेस्ट प्रैक्टिसेस को अपनाना शुरू कर दिया।
इसी प्रेरणा से अब सभी नगरपालिकाओं को सूरत भेजने का निर्णय लिया गया है ताकि वे भी स्वच्छता, तकनीकी दक्षता और नवाचार को अपनी व्यवस्था का हिस्सा बना सकें।
स्वच्छता की दिशा में छत्तीसगढ़ की बड़ी छलांग
यह अध्ययन भ्रमण केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के शहरी क्षेत्रों को स्वच्छ, सुंदर और भविष्य के लिए तैयार बनाने की दिशा में एक अहम पहल है। सूरत मॉडल के स्थानीय संदर्भों में अनुकूलन से राज्य की नगरपालिकाएं स्वच्छता के नए मानक स्थापित कर सकती हैं।