गुरु गोबिंद सिंह जयंती: उनके ये 10 प्रेरणादायी विचार आज आप जरूर पढ़ें

(fourth Eye News)सिख धर्म के 10वें और अंतिम गुरु गोविंद सिंह को शौर्य और साहस के प्रतीक माना जाता है, उनका जन्म पौष माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को बिहार के पटना में हुआ था । इस बार यह तिथि 2 जनवरी को है। गुरु गोविंद सिंह एक आध्यात्मिक गुरु तो थे ही, इसके साथ-साथ वे एक निर्भयी योद्धा, कवि और दार्शनिक भी थे। उन्होने ने ही खालसा पंथ की स्थापना की थी । गुरु गोविंद सिंह के जन्म दिवस को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। इन्होंने ही गुरु ग्रंथ साहिब को पूर्ण किया। आज उनकी जयंती है और उनकी जयंती पर आप उनके प्रेरणादायी उपदेशों को पढ़ सकते हैं।
सिखों के पांच ककार धारण करने का आदेश
कहा जाता है कि गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा पंत की रक्षा के लिए कई बार मुगलों का सामना किया था। सिखों के लिए 5 चीजें- बाल, कड़ा, कच्छा, कृपाण और कंघा धारण करने का आदेश गुरु गोबिंद सिंह ने ही दिया था। इन चीजों को ‘पांच ककार’ कहा जाता है, जिन्हें धारण करना सभी सिखों के लिए अनिवार्य होता है।
कई कलाओं और भाषाओं में थे निपुण
गुरु गोबिंद सिंह एक लेखक भी थे, उन्होंने स्वयं कई ग्रंथों की रचना की । कहा जाता है कि उनके दरबार में हमेशा 52 कवियों और लेखकों की उपस्थिति होती थी, इसलिए उन्हें ‘संत सिपाही’ भी कहा जाता था। गुरु गोबिंद सिंह को ज्ञान, सैन्य क्षमता के लिए जाना जाता है। उन्होने संस्कृत, फारसी, पंजाबी और अरबी भाषाएं भी सीखीं थी। साथ वे धनुष-बाण, तलवार, भाला चलाने में भी पारंगत थे ।
गुरु गोबिंद सिंह से आप ये प्रेरणा ले सकते हैं
आप हमेशा कुछ नया सीखते रहेंगे, तो आप में सकरात्मकता का संचार होगा। जीवन में कभी भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए, चाहे परिस्थितियां कितनी भी बुरी क्यों न हो। आप हमेशा अपने व्यक्तित्व को निखारने के लिए काम करते रहना चाहिए
गुरु गोबिंद सिंह के विचार
1- असहायों पर अपनी तलवार चलाने वाले का खून ईश्वर बहाता है।
2 – बगैर गुरु के किसी को भगवान का नाम नहीं मिलता।
3 – जितन संभव हो सके, जरूरतमंद लोगों की मदद करनी चाहिए।
4 – अगर आप केवल भविष्य के बारे में सोचते रहेंगे, तो वर्तमान भी खो देंगे।
5- जब आप अपने अन्दर से अहंकार मिटा देंगे, तभी आपको वास्तविक शांति प्राप्त होगी।
6 – मैं उन लोगों को पसंद करता हूँ जो सच्चाई के मार्ग पर चलते हैं।
7- अपनी कमाई का दसवां हिस्सा दान करें।
8 – ईश्वर ने हमें जन्म दिया है ताकि हम संसार में अच्छे काम करें और बुराई को दूर करें।
9 – इंसान से प्रेम ही
ईश्वर की सच्ची भक्ति है।
10 – अच्छे कर्मों से ही आप ईश्वर को पा सकते हैं। अच्छे कर्म करने वालों की ही ईश्वर मदद करता है।