KORBA: कोटा से आए बच्चों के क्वॉरेंटाइन स्थल पर समुचित व्यवस्था के लिए हरिद्वार सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री से की बात
कोरबा(KORBA), छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छत्तीसगढ़ के लगभग 2200 छात्र.छात्राओं को लाने के लिए लगभग 90 बसों का इंतजाम किया गया है जिसमें से 75 नंबर की बस का ट्रेलर से टकरा जाने के कारण एक्सीडेंट हो गया है।
एक्सीडेंट में कोई बड़ा हताहत नहीं हुआ है। लेकिन राजनांदगांव की छात्रा कुमारी चौबे घायल हो गईए जिसका प्राथमिक उपचार होने के बाद बस को रवाना कर दिया गया। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य, एटक मध्यप्रदेश राज्य के अध्यक्ष, संयुक्त कोयला मजदूर संघ एटक एसईसीएल के केंद्रीय महामंत्री कामरेड हरिद्वार सिंह ने संवेदना व्यक्त किया तथा सभी बच्चों के तत्काल स्वस्थ होने का कामना किया है।
जानकारी के अनुसार बस में आ रहे बच्चों के अभिभावकों ने कामरेड हरिद्वार सिंह को मोबाइल पर जानकारी देते हुए शिकायत किया कि रास्ते में खाने पीने का काफी अभाव है, पीने की शुद्ध पानी की व्यवस्था नहीं है और बहुत ही अव्यवस्था में हम लोग सफर कर रहे हैं। अभिभावकों ने यह भी जानकारी दी है कि प्रशासन के भी जो पुलिसकर्मी हैंए प्रशासनिक अधिकारी उनके भी खाने.पीने का समुचित व्यवस्था नहीं है।
जो बच्चे कोटा (KOTA)से ही अपने साथ में ड्राई फ्रूट या अन्य खाने कि चीजें लेकर चले थे अभी तक का सफर तो उनका चल गया लेकिन आगे दिन भर का सफर बहुत कठिन ना हो जाए इसलिए व्यवस्था दुरुस्त किया जाना चाहिए। अभिभावकों की बातों को गंभीरता से लेते हुए कामरेड हरिद्वार सिंह ने छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव से मोबाइल से बात किया और इस घटना की सूचना दी।
टीएस सिंह देव ने कहा कि तत्काल प्रभाव से बच्चो के शेष यात्रा की व्यवस्था सुधरवाने का प्रयास करते हैं। टीएस सिंह देव जी ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जो निर्देश दिए गए हैं उसमें कहीं न कहीं प्रशासनिक चूक हुई है। कामरेड हरिद्वार सिंह ने यह भी कहा है कि एक संभाग के बच्चों को दूसरे संभाग में रहने की व्यवस्था सरकार ने किया है।
सरकार की व्यवस्था है इस पर मुझे कुछ नहीं कहना है लेकिन कोटा से जो बच्चे आ रहे हैं उन बच्चों को जिस संभाग में भी रखा जाए उसकी व्यवस्था का एक बार फिर से पुन: निरीक्षण कर किया जाना चाहिए ताकि कहीं कोई चूक ना हो जाए और बच्चों को दोबारा से परेशानियों का सामना ना करना पड़े। इस पर भी स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बच्चों को रोके जाने वाले जगहों का दुबारा निरीक्षण किया जाएगा और जहां बच्चों को रखा जाएगा, वहां रहने, खाने.पीने व अन्य चीजों की पूरी व्यवस्था की जाएगी।