रायपुर । छत्तीसगढ़ में सरकारी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल डीकेएस में सफाई, सुरक्षा, पैथालॉजी लैब और कैंटीन के ठेके को बिना टेंडर उन्हीं ठेकेदारों को सौंपने का प्रबंधन का प्रस्ताव फेल हो गया। जब डीकेएस हॉस्पिटल शुरू हुआ था उसका समय पुरी सेवाये प्राइवेट माई सौपते ह्यू 5-5 साल का ठेका दिया गया था. 2018 में सरकार बदलने के बाद इन ठेकों को लेकर खासा विवाद हुआ था।
उसके बाद भी अस्पताल प्रशासन ने ठेके की मियाद खत्म होने के पहले ही बिना टेंडर सभी का अनुबंध बढ़ाने की तैयारी कर ली थी।लेकिन स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अनुबंध बढ़ाने को सिरे से नकार दिया है। स्वास्थ्य मंत्री ने अनुबंध बढ़ाने की फाइल पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया। हालांकि अस्पताल प्रशासन की ओर से जो प्रस्ताव सामान्य सभा और कार्य समिति की बैठक में पेश किया गया, उसमें हाउसकीपिंग से लेकर पैथालॉजी, एमआरडी सेवा, कैंटीन और लांड्री के अलावा पैथालॉजी की सेवाओं को लेकर स्पष्ट लिखा गया था कि इनका कार्य संतोषजनक है।
ऐसी दशा में इनकी सेवाएं आगे जारी रखी जा सकती हैं।जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल प्रशासन के तर्कों को मानने से इनकार कर दिया और नए सिरे से टेंडर करने को कहा। डीकेएस अस्पताल की अधीक्षक डॉ. शिप्रा शर्मा ने स्वीकार किया कि स्वास्थ्य मंत्री ने ठेका आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया है। अब उनके निर्देश पर टेंडर किया जाएगा।