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एक आयुर्वेदिक डॉक्टर, कैसे बना छत्तीसगढ़ का पहला निर्वाचित मुख्यमंत्री, जानिये पूर्व सीएम रमनसिंह से जुड़ी खास बातें

रायपुर, आज यानि 15 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमनसिंह का जन्मदिन है, वे आज 69 साल के हो गए हैं । आज हम जानेंगे उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ रोचक किस्सों के बारे में, इनमें से कुछ किस्से आप जानते होंगे, तो कुछ आपको हैरान कर सकते हैं । हालांकि आज सीएम रमनसिंह अपना जन्मदिन नहीं मना रहे हैं । उन्होने अपने चाहने वालों से अपील की है, कि वे उन्हें वर्चुअली शुभकानाएं दें । इसके बारे में खुद उन्होने जानकारी देते हुए अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा ।

“15 अक्टूबर को मेरा जन्मदिन है,लेकिन कवर्धा में हुई घटना के कारण मन व्यथित है। भूपेश सरकार ने मेरे निर्दोष कार्यकर्ताओ को जेल में बंद कर रखा है। मैंने विरोध स्वरूप कवर्धा,राजनांदगांव जिले समेत सभी कार्यक्रम स्थगित करने का निर्णय लिया है।वर्चुअल माध्यम से ही शुभकामनाएं प्रेषित करें।”

चलिए आपको सीएम रमनसिंह की जिंदगी के बारे में बताते हैं ।

डॉ॰ रमन सिंह का जन्म छत्तीसगढ़ के वर्तमान कबीरधाम (कवर्धा) ज़िले के ठाठापुर गांव जिसे अब रामपुर के नाम से जाना जाता है, में 15 अक्टूबर, 1952  हुआ था । वे एक कृषक परिवार से आते हैं । रमन सिंह के परिवार में उनकी पत्नी वीना सिंह और बेटा अभिषेक सिंह और बेटी अस्मिता सिंह है ।

पूर्व सीएम रमन सिंह एक आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं । साल 1975 में डॉ. रमन सिंह को बीएएमएस डिग्री से सम्मानित किया गया। इन्होंने 23 साल की उम्र में कवार्धा में चिकित्सा प्रैक्टिस शुरू की। इस दौरान उन्होने गरीब लोगों को मुफ्त चिकित्सा उपचार उपलब्ध कराया ।

उन्होने राजनीतिक पारी की शुरूआत जनसंघ के यूथ विंग से की थी । रमनसिंह ने कवर्धा की नगर पालिका, छत्तीसगढ़ विधानसभा और भारतीय संसद में बहुत से महत्वपूर्ण पद संभाले है। 1999 में संसद के सदस्य रहते हुए इन्होंने वाणिज्य राज्य मंत्री के तौर पर भी काम किया है। साथ ही इन्होंने देश को इज़राइल, नेपाल, फिलिस्तीन और दुबई में भारतीय व्यापार मेले का नेतृत्व भी किया ।

रमन सिंह 1990 और 1993 में मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे। उसके बाद सन् 1999 में वे लोकसभा के सदस्य चुने गये। साल 1999 में हुए राजनंदगांव, छत्तीसगढ़ से लोकसभा चुनावों में जीत मिलने के बाद उनके राजनैतिक कॅरियर को एक नया आयाम मिल गया । तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने उन्हें अपनी सरकार में वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री भी बनाया ।

साल 2003 में जब छत्तीसगढ़ राज्य का पहला चुनाव होना निश्चित हुआ तो संगठन क्षमता और सबको साथ लेकर चलने की दक्षता से संपन्न डॉ॰ रमन सिंह को यह दायित्व सौंपा गया । पहली बार भाजपा को छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में बड़ी सफलता मिली । एक दिसम्बर 2003 को छत्तीसगढ़ के इतिहास में भाजपा के विजय दिवस के रूप में दर्ज किया गया ।

डॉ॰ रमन सिंह छत्तीसगढ़ के प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री बने। जिसके बाद से वे लगातार तीन बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने । और कयास ये भी लगाए जाने लगे थे, कि अगर रमनसिंह चौथी बार भी प्रदेश में चुनाव जीतते हैं, तो वे प्रधानमंत्री पद के बड़े दावेदार के रूप में देखे जाएंगे । लेकिन ऐसा हुआ नहीं । उनकी पार्टी महज 15 के आंकड़े पर ही सिमट गई, और 15 साल से चली आ रही उनकी सत्ता कांग्रेस ने हथिया ली ।

आपको हमारी ये जानकारी कैसी आप इस खबर पर कमेंट कर बता सकते हैं ।

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