कैसे चुनें सही एयर प्यूरीफायर, इन बातों का रखें ध्यान

इस बात में कोई संदेह नहीं कि शहरों की हवा हद से ज्यादा प्रदूषित हो गई है। दुनिया के 20 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में से 13 भारत के हैं। ऐसे में अगर आपको लगता है कि वायु प्रदूषण सिर्फ घर के बाहर है और घर के अंदर आप सेफ हैं तो ऐसा बिलकुल नहीं है। घर के अंदर की हवा भी कभी-कभी बहुत ज्यादा प्रदूषित और हानिकारक हो जाती है। लिहाजा घर के अंदर की हवा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए आपको एयर प्योरिफायर का इस्तेमाल करना चाहिए।
कैसे चुनें सही प्योरिफायर?
प्योरिफायर ऐसी जगह सबसे ज्यादा असर दिखाते हैं जहां खिडक़ी दरवाजे बंद रहते हैं ताकि उन्हें लगातार धूल-मिट्टी फिल्टर न करना पड़े।
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फिल्टर करने की क्षमता कमरे के साइज से मैच करनी चाहिए। हमेशा वही मॉडल खरीदें जो आपके रूम साइज से ज्यादा एरिया की हवा साफ करने के लिए डिजाइन किया गया हो प्योरिफायर में बिल्ट-इन ह्यमिडीफायर होना भी जरूरी है।
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एयर प्यूरिफायर में कौन सा फिल्टर इस्तेमाल किया गया है, इस बारे में भी रिसर्च करें। फिल्टर पोलन, डस्ट, स्मोक, गंध और अन्य प्रदूषण फैलाने वाले कणों को फिल्टर करने की क्षमता रखता हो।
प्योरिफायर लगाने की बेस्ट जगह आपका बेडरूम है और अगर आपको फर्क नजर आए तो बाकी जगह भी लगवा सकते हैं।
कमरे के साइज के हिसाब से प्योरिफायर आपके कमरे की हवा को 15 से 30 मिनट में प्योर कर देगा और इसके बाद भी अपना काम करता रहेगा।
एयर प्यूरिफायर खरीदते वक्त उसे प्राथमिकता दें, जिसमें ऐक्टिवेटेड कार्बन लेयर हो।
ऐसे करें प्योरिफायर की सफाई
एयर प्योरिफायर हवा को फिल्टर करता है। हम कई चीजों के लिए फिल्टर यूज करते हैं। हम जो पानी पीते हैं उसमें भी कई फिल्टर्स होते हैं।
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एयर प्योरिफायर के फिल्टर बहुत आसानी से चोक हो जाते हैं। इनको कुछ हद तक वैक्यूम क्लीनर से साफ किया जा सकता है। प्योरिफायर को एक महीने यूज करने के बाद आप देख सकते हैं कि जो कुछ उस फिल्टर में जमा हुआ है वो आपके फेफड़ों में हो सकता था। जिन लोगों को अस्थमा या एलर्जी है ये उनके लिए प्योरिफायर काफी फायदेमंद होता है।
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