रायपुर। ईडी ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में कांग्रेस नेता और रायपुर के मेयर ऐजाज ढेबरा के बड़े भाई अनवर ढेबर द्वारा कथित रूप से अधिग्रहित 21 करोड़ रुपये से अधिक की भूमि का पता लगाया है। ईडी ने सोमवार को जारी बयान में आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग निगम लिमिटेड के पूर्व प्रबंध निदेशक अरुण पति त्रिपाठी ने अनवर ढेबर के कहने पर छत्तीसगढ़ की पूरी आबकारी व्यवस्था को भ्रष्ट कर दिया।
मालूम हो कि भारतीय दूरसंचार सेवा अधिकारी त्रिपाठी इस मामले में पिछले हफ्ते ईडी द्वारा गिरफ्तार किए गए चौथे व्यक्ति थे। उन्होंने राज्य के आबकारी विभाग में विशेष सचिव की जिम्मेदारी भी संभाली। अनवर ढेबर, होटल कारोबारी नितेश पुरोहित और शराब कारोबारी त्रिलोक सिंह ढिल्लों को एजेंसी ने अपनी जांच के तहत
हिरासत में लिया है। फिलहाल चारों न्यायिक हिरासत में हैं।
ईडी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मुंबई, रायपुर और भिलाई में तलाशी अभियान के दौरान नया रायपुर में गैरकानूनी तरीके से अर्जित की गई 53 एकड़ जमीन का पता लगाया गया है। इस जमीन की कीमत 21.60 करोड़ रुपये है। इसे अनवर ढेबर ने संयुक्त उद्यम के नाम पर गलत तरीके से अर्जित किया।
एजेंसी ने आरोप लगाया कि यह संपत्ति FL-10A लाइसेंसधारी से प्राप्त अपराध की आय को ट्रांसफर करके एक सहयोगी के नाम पर लेन-देन दिखाकर खरीदी गई थी। अनवर ढेबर और त्रिपाठी के बीच कथित संबंध को लेकर एजेंसी ने खुलासा किया कि सीएसएमसीएल के पूर्व एमडी ने अनवर ढेबर के कहने पर आबकारी विभाग में भ्रष्टाचार को अंजाम दिया। आरोपियों ने सहयोगियों के साथ मिलीभगत कर के नीतिगत बदलाव किए और अनवर ढेबर के सहयोगियों को टेंडर दिए ताकि अधिकतम लाभ कमाया जा सके।
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