
जगदलपुर : बस्तर वर्षा ऋतु केे समय मच्छरों की आबादी बढ़ जाती और विशेष रूप से दक्षिण पश्चिम बस्तर में इनकी संख्या बढऩे से मलेरिया सहित कई बीमारियों का प्रकोप भी शुरू होता है। इस समय नक्सलियों से लोहा लेने वाले सुरक्षाबलों के जवानों को जहां एक ओर नक्सलियों से लडऩा पड़ता है वहीं दूसरी ओर अंचल में व्याप्त मच्छरों की बड़ी आबादी से भी संघर्ष करना पड़ता है। वर्षाकाल में मच्छरों का मुकाबला करने के लिए अब सुरक्षाबलों का प्रशिक्षित किया जा रहा है।
उन्हें अब नक्सलियों के विरूद्ध लडऩे के साथ-साथ मच्छरों से भी लडऩे की कोशिश करना पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि वर्षाकाल में भी पुलिस का सर्च ऑपरेशन चलेगा। नक्सलियों से मुकाबला लेते जवान कई बार मच्छरों या फिर जंगली जहरीले जंतुओं के हमले से हारना शुरू कर देते हैं। ऐसे में जंगल में घुसने से पहले डीआरजी के जवानों को स्वास्थ्य बिगडऩे पर प्राथमिक उपचार की ट्रेनिंग दी जा रही है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार डीआरजी के जवानों को फस्र्ट एड किट व मच्छररोधी केमिकल मच्छरदानियों का वितरण भी किया गया है ताकि जवान जंगल में मच्छर के हमले से बच सकें। अब इसे भी साथ लेकर जवान निकलेंगे।
इस संबंध में सीआरपीएफ 111वीं बटालियन के चिकित्सा अधिकारी डॉ. आनंद भंडारी ने स्वास्थ्य व बम की चपेट में आने से घायल होने पर प्राथमिक उपचार करने के बारे में बताया। इसी क्रम में दक्षिण-पश्चिम बस्तर में जवानों को कार्यक्रम का आयोजन कर डीआरजी के जवानों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।