जकार्ता : हारकर भी पीवी सिंधु ने रचा इतिहास, बनीं सिल्वर जीतने वाली पहली भारतीय शटलर
जकार्ता : स्टार भारतीय शटलर पीवी सिंधु को बैडमिंटन के महिला सिंगल्स के खिताबी मुकाबले में वर्ल्ड नंबर वन ताइ जू यिंग से सीधे सेटों में हार का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद वह इतिहास रचने में कामयाब रहीं। वह एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल जीतने वाली पहली भारतीय शटलर बन गईं हैं। भारतीय उम्मीदों का बोझ कंधे पर लिए कोर्ट में उतरी सिंधु को पहले गेम में 13-21 से हार मिली। हालांकि दूसरे गेम में उन्होंने विपक्षी खिलाड़ी को कड़ी टक्कर दी, लेकिन पार नहीं पा सकीं। इस गेम में उन्हें 16-21 से हार का सामना करना पड़ा। बता दें कि सोमवार को ताइ जू यिंग से ही हारकर साइना नेहवाल को ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा था।
वर्ल्ड नंबर वन ताइ जू यिंग से सीधे सेटों में हार का सामना करना पड़ा
सेमीफाइनल में साइना नेहवाल को हराने वाली ताइ जू यिंग ने पहले गेम में सिंधु पर आसानी से जीत दर्ज की। उन्होंने 16 मिनट तक चले इस गेम को 21-13 से अपने नाम किया। यिंग ने शुरुआत में ही बढ़त ले ली थी, जिसका उन्हें फायदा मिला। सिंधु ने इस दौरान नेट पर काफी गलतियां की और विपक्षी को आसानी से बढ़त लेने का मौका दे दिया।
यिंग ने शुरुआत में ही बढ़त ले ली थी
दूसरे गेम में भारतीय शटलर ने आक्रामक शुरुआत की। एक वक्त दोनों ही खिलाड़ी 4-4 से बराबरी चल रही थीं। यिंग ने कमबैक किया और ब्रेक तक 7-11 से बढ़त ले ली। ब्रेक के तुरंत बाद सिंधु ने काउंटर अटैक करते हुए पॉइंट लिए, लेकिन वह गेम करकरार नहीं रख सकीं और 18 मिनट तक चले इस गेम को 16-21 से हार गईं। इसके साथ ही भारत को सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा।
सेमीफाइनल: कड़े मुकाबले में यामागुची का हराया
इससे पहले पीवी सिंधु ने सेमीफाइनल में जापान की अकाने यामागुची को 2-1 से हराकर फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय बनी थीं। भारतीय स्टार शटलर ने पहला गेम 21-17 से अपने नाम किया, जबकि दूसरे गेम में उन्हें 15-21 से हार मिली। तीसरे गेम में सिंधु ने वापसी करते हुए 21-10 से जीत दर्ज करते हुए फाइनल का टिकट कटाया था। यह दोनों खिलाडिय़ों के बीच 13वां मुकाबला था। सिंधु ने 9 में जीत हासिल की, जबकि 4 मुकाबले यामागुची के नाम रहे।
च्ॉर्टर फाइनल में जिंदापोल को दी शिकस्त
पीवी सिंधु ने अपने च्ॉर्टर फाइनल में थाइलैंड की निचौन जिंदापोल को 21-11, 16-21 और 21-14 से हराकर यह मैच अपने नाम किया। मैच का पहला गेम जीतने में सिंधु को कोई परेशानी नहीं हुई और उन्होंने अपनी प्रतिद्वंद्वी जिंदापोल पर लगातार बढ़त बनाए रखी, लेकिन दूसरे गेम में विपक्षी खिलाड़ी ने जीत दर्ज करते हुए मैच में वापसी कर ली। हालांकि सिंधु ने तीसरे गेम अपने नाम करते हुए मैच जीत लिया।
प्री-च्ॉर्टर में तुनजुंग को हराया
इससे पहले पीवी सिंधु ने प्री-च्ॉर्टर फाइनल मुकाबले में सिंधु ने इंडोनेशिया की तुनजुंग ग्रेगोरिया मरिस्का को हराकर च्ॉर्टर फाइनल में प्रवेश किया था। राउंड ऑफ 16 का यह मुकाबला सिंधु ने आसानी से 34 मिनटों में अपने नाम किया। इससे पहले पीवी सिंधु और इंडोनेशिया की तुनजुंग ग्रेगोरिया मरिस्का के बीच तीन मुकाबले खेले गए थे, जिसमें सभी में भारतीय शटलर ने जीत दर्ज की थी। राउंड ऑफ 32 में उन्होंने वियतनाम की वू थि त्रांग को हराया था।
साइना को ब्रॉन्ज मेडल
इससे पहले सेमीफाइनल मुकाबले में साइना नेहवाल को चीनी ताइपे की ताइ जू यिंग से 2-0 (17-21, 14-21) से हार मिली। उन्हें ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा। वह इस टूर्नमेंट में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला शटलर बनीं। रेकॉर्ड की बात करें तो बैडमिंटन इंडिविजुअल इवेंट में आखिरी बार सैयद मोदी ने 1982 में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
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