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नईदिल्ली : दाइची की पेमेंट के लिए बिक सकते हैं सिंह बंधुओं के शेयर

नई दिल्ली : जापान की फार्मासूटिकल कंपनी दाइची सैंक्यो को आर्बिट्रेशन के मामले में दिए गए 3,500 करोड़ रुपये के हर्जाने के भुगतान के लिए फोर्टिस के पूर्व प्रमोटर्स मलविंदर और शिविंदर सिंह के फोर्टिस और रेलिगेयर में ऐसे शेयर्स को बेचा जा सकता है, जो गिरवी नहीं रखे गए हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने सिंह बंधुओं और अन्य प्रतिवादियों की ओर से घोषित किए गए इस तरह के शेयर्स की सूची मांगी है।
जस्टिस जयंत नाथ ने प्रतिवादियों की ओर से बिना गिरवी रखी संपत्ति के हिस्से के तौर पर बताए गए सभी शेयर्स की सूची तैयार करने का निर्देश दिया।

दिल्ली हाई कोर्ट ने सिंह बंधुओं और अन्य प्रतिवादियों की ओर से घोषित किए गए इस तरह के शेयर्स की सूची मांगी है

इन शेयर्स को कोर्ट की अनुमति से स्टॉक एक्सचेंज पर बेचा जाएगा और यह रकम दाइची को हर्जाने के भुगतान के लिए कोर्ट में जमा कराई जाएगी। इस मामले में अगली सुनवाई 8 मई को होनी है, तब कोर्ट की ओर से नियुक्त चार्टर्ड एकाउंटेंट बिना गिरवी रखी गई संपत्ति का विवरण पेश कर सकते हैं। लिस्टेड शेयर्स में फोर्टिस और रेलिगेयर में प्रतिवादियों के बिना गिरवी रखे गए शेयर्स शामिल हो सकते हैं।

लिस्टेड शेयर्स में फोर्टिस और रेलिगेयर में प्रतिवादियों के बिना गिरवी रखे गए शेयर्स शामिल हो सकते हैं

सिंह बंधुओं और प्रमोटर ग्रुप की अभी फोर्टिस हेल्थकेयर में 1 पर्सेंट से कम हिस्सेदारी है। उनके पास रेलिगेयर एंटरप्राइजेज में लगभग 3 पर्सेंट स्टेक है, लेकिन इसमें से लगभग एक-तिहाई गिरवी है। कोर्ट ने अभी फोर्टिस की बिक्री की प्रक्रिया को रोकने का कोई आदेश नहीं दिया है। दाइची ने इस प्रक्रिया को रोकने की गुहार लगाई थी। इस पर 14 मई को सुनवाई हो सकती है।

कोर्ट ने अभी फोर्टिस की बिक्री की प्रक्रिया को रोकने का कोई आदेश नहीं दिया है

दाइची सैंक्यो ने अप्रैल की शुरुआत में कोर्ट में याचिका दायर कर फोर्टिस के हॉस्पिटल बिजनस की मणिपाल हेल्थ एंटरप्राइजेज और प्राइवेट इच्टिी कंपनी टीपीजी के कंसोर्शियम को संभावित बिक्री को रोकने की मांग की थी। इस कंसोर्शियम के प्रपोजल को मार्च में स्वीकृति मिली थी। इसके बाद से फोर्टिस को खरीदने की दौड़ में आईएचएच, रेडिएंट लाइफ केयर और हीरो एंटरप्राइज इनवेस्टमेंट ऑफिस और बर्मन फैमिली ऑफिस का संयुक्त ऑफर जैसे बहुत से दावेदार शामिल हो गए हैं।

इस कंसोर्शियम के प्रपोजल को मार्च में स्वीकृति मिली थी

दाइची का दावा था कि फोर्टिस को बेचने की डील से आर्बिट्रेशन के फैसले के तहत उसे मिले 3,500 रुपये के हर्जाने की वसूली मुश्किल हो जाएगी। इस कानूनी मामले में फोर्टिस अब प्रतिवादी के तौर पर शामिल है। कंपनी ने दलील दी थी कि उसे फोर्टिस की डील रोकने की दाइची की याचिका में एक पार्टी नहीं बनाया गया है।इस वर्ष जनवरी में हाई कोर्ट ने दाइची को आर्बिट्रेशन के मामले के तहत मिला हर्जाना वसूलने की अनुमति दे दी थी। यह हर्जाना 2008 में रैनबैक्सी को दाइची को बेचने के समय कथित तौर पर महत्वपूर्ण जानकारी छिपाने के लिए सिंह बंधुओं को चुकाना है।

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