रायपुर। झीरम हत्याकांड के 10 साल पूरे हो गए हैं और गुरुवार (25 मई) को इस झीरम घटना की 10वीं बरसी मनाई गई. इसमें खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बस्तर पहुंचकर लालबाग़ के झीरम शहीद स्मारक में इस घटना में शहीद कांग्रेसियों को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने इस घटना को राजनीतिक अपराधी षड्यंत्र बताया है.इस घटना को लेकर एक बार फिर मंत्री कवासी लखमा सुर्खियों में बने हुए हैं. दरअसल स्वर्गीय महेंद्र कर्मा के बेटे छविंद्र कर्मा ने झीरम घाटी हमले के वक्त कांग्रेस के काफिले में शामिल रहे कवासी लखमा को नक्सलियों द्वारा छोड़े जाने पर संदेह जताते हुए उनकी नार्को टेस्ट करने की मांग कर डाली है. छविंद्र कर्मा ने कहा कि मंत्री कवासी लखमा का नार्को टेस्ट होना चाहिए ताकि उस घटना की सच्चाई सबके सामने आ सके. छविंद्र कर्मा की मांग और पत्रकारों के पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आखिर छविंद्र कर्मा किससे न्याय की मांग कर रहे हैं? उन्हें स्पष्ट करना चाहिए.वर्तमान में झीरम हत्याकांड की जांच एनआईए के पास है जो भारत सरकार के अधीन है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर भारत सरकार हमें यह जांच सौंप देती है तो कवासी लखमा के साथ-साथ पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और आईजी मुकेश गुप्ता का भी नार्को टेस्ट किया जाएगा. ताकि घटना को लेकर सच्चाई सबके सामने आ सके. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि झीरम घाटी घटना बीजेपी की साजिश के तहत की गई एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है. इसका नुकसान कांग्रेसियों को उठाना पड़ा है. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने से पहले से ही इस घटना को लेकर कांग्रेस बीजेपी पर आरोप लगाते आ रही है. इसलिए कवासी लखमा के साथ पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और आईजी मुकेश गुप्ता की भी नार्को टेस्ट होनी चाहिए.
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