वॉशिंगटन : अमेरिका और रूस में शुरू हुआ ‘डिजिटल शीत युद्ध’
वॉशिंगटन : संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस के बीच एक बार फिर शीत युद्ध शुरू हो गया है। इस यह डिजिटल अंदाज में है। हालांकि इस पृष्ठभूमि में अब भी इंसान ही हैं, लेकिन एजेंट्स के स्थान पर अब ड्ढशह्लह्य (इसके जरिए कृत्रिम तरीके से ट्वीट किए जाते हैं, जो फर्जी होते हैं) ने ले ली है। रूसी केजीबी एजेंट्स की जगह इंटरनेट रिसर्च एजेंसी (आईआरए) है। अमेरिका की संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) ने 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कथित हस्तक्षेप के लिए रूस के 13 नागरिकों और तीन कंपनियों पर आरोप तय किए हैं।शुक्रवार को विशेष अभियोजक रॉबर्ट मुलर ने अमेरिका से धोखाधड़ी, तकनीक के जरिए धोखाधड़ी करने, बैंक धोखाधड़ी, किसी और की पहचान का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी करने जैसे आरोप तय किए गए हैं।
अमेरिका ने मुख्य रूप से इंटरनेट रिसर्च एजेंसी पर निशाना साधा है। इसे ‘ट्रोल फार्म’ कहा गया है। आरोप में कहा गया है कि रूस के सेंट पीटर्सबर्ग से संचालित इस एजेंसी ने सोशल मीडिया पर हिलरी क्लिंटन के खिलाफ और ट्रंप के पक्ष में जाली पोस्ट करवाकर चुनावों को प्रभावित करने का काम किया। इस आरोपपत्र में यह कहा गया है कि आईआरए एक सुसंगठित संस्था है जिसका सालाना बजट लाखों डॉलर है। यह सैकड़ों की संख्या में लोगों को नौकरी पर रखती है। इसके कई विभाग हैं जो इंटरनेट पर अलग-अलग क्षेत्रों में काम करते हैं। कई डिपार्टमेंट सिर्फ सर्च-इंजन ऑप्टिमाइजेशन और ग्राफिक्स का काम करते हैं।