- विधानसभा सत्र के आज आठवें दिन स्वास्थ्य विभाग के अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सरकार पर कई आरोप लगाये. कौशिक ने कहा कि स्वास्थ विभाग के बजट में ही कटौती कर दी गई है. इससे विभाग के प्रति गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है. हजारों की संख्या में पद रिक्त है. उसे भरने की दिशा में कोई कारगर पहल नजर नहीं आता.
- आप भवन बना सकते हैं पर बगैर डाक्टरों की उसकी कोई उपयोगिता नहीं है. सभी को त्रिवर्षीय पाठ्यक्रम के भरोसे छोड़ दिया गया है. एक ब्लाॅक में 8-10 स्वास्थ्य केंद्र हैं, इसे बढ़ाने की आवश्यकता है. उपकरणों को भी बढ़ाने की भी जरूरत है.
- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक्सरे ब्लड टेस्ट की सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए. अस्पतालों के परिसरों में ही जांच की सुविधा उपलब्ध कराए जाने की आवश्यकता है. इससे मरीजों को राहत मिलेगी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को हम जितना मदद करेंगे उससे मरीजों को समुचित उपचार मिलेगा. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को मजबूत करने की आवश्यकता है इस से आने वाले समय में जिला और बड़े अस्पतालों को राहत मिलेगी.
- आयुष्मान योजना को बंद करने के बात हो रही है और छत्तीसगढ़ से लेकर पूरे देश में ऐसे गरीब परिवार जो आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है जिन्हें आवश्यकता पड़ने पर ऑपरेशन कराना पड़े ऐसे गरीब लोगों को इसमें शामिल किया गया था. इस प्रदेश में भी 4000000 परिवार समाहित होने की संभावना रखते थे. जिन्हें इस योजना का लाभ मिलता पर इसको बंद करना चाहते हैं. उससे बेहतर योजना उपलब्ध कराने की आवश्यकता है. इसे बंद करने को लेकर भ्रम की स्थिति निर्मित हो गई है स्मार्ट कार्ड में ₹50000 तक जो इलाज कराते थे वह अब प्रभावित हो रहे हैं.
- बता दें कि इससे पहले विधानसभा में स्वास्थ्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की चर्चा के दौरान कोई भी मंत्री मौजूद नहीं था. इसलिए विपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष से सदन स्थगित करने का आग्रह किया. जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ने 5 मिनट के लिए सदन की कार्रवाई स्थगित की. विपक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि सत्तापक्ष के सदस्य विधानसभा को लेकर गंभीर नहीं हैं. सदन की कार्रवाई 5 मिनट बाद फिर प्रारंभ हुई. आधा दर्जन मंत्री सदन में पहुंचे.
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