जगदलपुर: मांग सही लेकिन कानून हाथ में लेना मसला नहीं -कलेक्टर
जगदलपुर, कानून हाथ में लेने की राय ग्रामीणों को अपनी बातों को मजबूती से रखना था। उक्त बातें बस्तर कलेक्टर धनंजय देवांगन ने कावा पाल ग्राम के परिपेक्ष में कहीं ।ज्ञात हो कि इस गांव के लोगों को वन विभाग ने सैकड़ों पेड़ काटने के मामले में जेल भेज दिया था और कल फिर उक्त मांग ग्रामीणों ने मुखर होकर बस्तर कलेक्टर के सामने उठाई। कावापाल के ग्रामीणों की खरी.खरी हो सडक़ निर्माण दर्जनों ग्रामीण पेड़ काटने के मामले में पूर्व में गए थे।
बस्तर जिले के कलेक्टर धनंजय देवांगन लोक सुराज अभियान के अंतर्गत कावापाल ग्राम पहुंचे थे और ग्रामीणों ने मजबूती से सडक़ बनाने की मांग फिर से एक बार दोहराई जिसे जिला खनिज न्यास निधि या महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत वन विभाग के माध्यम से कराने का भरोसा दिलाया है। इस मामले में चर्चा करने पर बस्तर जिले के कलेक्टर धनंजय देवांगन ने कहा कि ग्रामीणों की मांग भले ही जायज हो सकती है किंतु उन्होंने जो कदम उठाया था वह खतरनाक था। सैकड़ों पेड़ों की बलि चढ़ा दी गई जब की सकारात्मक रूप से चर्चा करने से उसका समाधान हो सकता था। बस्तर कलेक्टर ने कहा है कि इनकी मांगे पूरी की जाएगी।
यह गांव बन जाता है टापू
बारिश के दिनों में यह गांव टापू बन जाता है किंतु अभी जिस समय बस्तर कलेक्टर उस क्षेत्र का दौरा करने गए हैं। उस दौरान उन्हें अच्छी सडक़ मार्ग से वह गांव ले जाया गया था। बस्तर जिले के जनपद पंचायत जगदलपुर के कावापाल ग्राम के ग्रामीणों ने एक बार सडक़ निर्माण के लिए मजबूती से अपना पक्ष बस्तर कलेक्टर के सामने रखा।
इस दौरान डीएफओ राजू अगासीमनी भी विशेष रूप से उपस्थित थे। कलेक्टर देवांगन ने ग्रामीणों की सुविधा के लिए उनकी मांग को पूरा करने को कहा। ज्ञात हो की सरपंच सहित दर्जनों ग्रामीणों को सडक़ के लिए वन काटने के मामले पर जेल भेज दिया गया था और उसके बाद आनन-फानन में इनकी जमानत भी हो गई थी किंतु इस गांव के लोगों की मांग अभी भी यथावत है। अब देखना है कि लोक सुराज अभियान में इनकी मांगें पूरी हो पाती है या फिर हर बार की तरह इस बार भी सिर्फ आश्वासनों तक ही सिमटकर रह जाएगी। इस दौरान वन मंडलाधिकारी राजू अगसिमनि, उपायुक्त एसपी नवरतन, एसडीएम एसआर कुर्रे, तहसीलदार दीनदयाल मंडावी, नायब तहसीलदार आरपी बघेल सहित अधिकारीगण कर्मचारी एवं ग्रामीण उपस्थित थे।