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रांची : इलाजरत लालू प्रसाद को राहत नहीं

रांची : दिल्ली एम्स में इलाज करा रहे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को राहत मिलती नहीं दिख रही. झारखंड हाईकोर्ट में उनकी जमानत याचिका पर शुक्रवार को होने वाली सुनवाई टल गई. अब 11 मई को अगली सुनवाई होगी. सीबीआई ने इस सिलसिले में अपना पक्ष रखने के लिए वक्त मांग लिया है.चाईबासा कोषागार से जुड़े चारा घोटाले में लालू प्रसाद को सीबीआई कोर्ट ने पांच साल की सजा सुनाई है. सीबीआई कोर्ट के इस फैसले को उनके द्वारा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. इससे पहले की सुनवाई में लालू प्रसाद के वकील ने उनके खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए हाईकोर्ट से जमानत की मांग की थी. लेकिन सीबीआई ने इस पर अपना पक्ष रखने के लिए समय मांग लिया था.

लालू प्रसाद को तब और झटका लगा था, जब हाईकोर्ट ने देवघर कोषागार मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया. लालू प्रसाद की ओर से खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया गया और जमानत की मांग की गयी थी.लेकिन सीबीआई के वकील ने कहा कि लालू प्रसाद स्वस्थ हैं और रोज मीडिया में बयान दे रहे हैं इसके बाद न्यायाधीश अपरेश सिंह की अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी लालू प्रसाद बीते 23 दिसम्बर से रांची की होटवार जेल में सजा काट रहे हैं. फिलहाल दिल्ली एम्स में उनका इलाज चल रहा है. जेल में तबीयत बिगडऩे के बाद पहले रांची के रिम्स फिस दिल्ली एम्स उन्हें ले जाया गया है.

 

 नईदिल्ली : सुप्रीम कोर्ट से रॉबर्ट वाड्रा को झटका
नईदिल्ली : रॉबर्ट वाड्रा और उनकी कंपनी स्काइलाइट हॉस्पिटैलिटी को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. डीएलएफ ज़मीन सौदों में हुई आमदनी को लेकर आयकर विभाग से समीक्षा जारी रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट का आदेश बरकरार रखते हुए यह फैसला सुनाया. सकालाइट ने आयकर विभाग की कार्रवाई को रद्द करने की मांग की थी.
सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वॉड्रा की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ सकती हैं. दिल्ली हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी रॉबर्ड वाड्रा को झटका देते हुए उनकी कंपनी की ओर से दायर याचिका खारिज कर दी है. इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया था.

 

स्काईलाइट एक लिमिटेड लियाबिलिटी कंपनी थी, जिसे बाद में प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में तब्दील कर दिया गया था. आयकर विभाग इसलिए इस कंपनी की दोबारा जांच करना चाहती है. आयकर विभाग की ओर से जारी किए गए नोटिस का पुन: आकलन करने को कंपनी ने चुनौती दी थी.

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