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बैकुंठपुर : एसी एसटी एक्ट के तहत किया जा रहा दुरुपयोग

बैकुण्ठपुर : जिले में अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम का दुरूपयोग लगातार बढ़ता जा रहा है। दुरुपयोग इसी कड़ी में एक बार फिर शहर के प्रतिष्ठित व्यवसाई संजय अग्रवाल को इस अधिनियम का नया शिकार बनाने का प्रयास किया गया है। जिसमें एक महिला ने सिटी कोतवाली में संजय अग्रवाल के खिलाफ इसी अधिनियम का फायदा उठा कर शिकायत दर्ज कराई है। इसकी जानकारी मिलते ही शहर के युवा वर्ग में आक्रोश उत्पन्न हो गया। इसी के विरोध में समानता क्रांति दल के सदस्यों ने जिले के पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर इसके दुरुपयोग व होने देने व किसी निर्दोष के खिलाफ कार्यवाही न किए जाने का आग्रह किया है। इस संबंध में समानता क्रांति दल के अमिताभ गुप्ता ने कहा कि एक्ट नही मानो एटीएम हो गया है। इसी वजह से लोग इसका फायदा उठाकर निर्दोष लोगों को फंसा रहे हैं। अमिताभ ने कहा कि दरअसल इस अधिनियम के अंतर्गत मामला दर्ज होने पर रिपोर्ट करने वाले को तत्काल 25 हजार रपये की राहत राशि दी जाती है। इसके बाद चालान पेश होने पर पुन: 25 हजार रुपए प्रार्थी को दिया जाता है और यदि इस मामले में किसी को सजा हो गई तो प्रार्थी को 50 हजार रुपये फिर दिया जाता है। कुल मिलाकर साधारण मामलों में इस एक्ट के अंतर्गत प्रार्थी को 1 लाख रुपये दिए जाने का प्रावधान है।

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यदि मामला गलत साबित होता है तो पैसा वापस लेने का किसी प्रकार का कोई प्रावधान नहीं है। कुल मिलाकर एक बार रिपोर्ट दर्ज करा दो उसके बाद पैसे लेकर ऐश करो। समानता क्रांति दल के अमिताभ गुप्ता ने कहा कि कुल मिलाकर यह एक प्रकार से एक्ट नहीं एटीएम हो गया है। समानता क्रांति दल के सदस्यों ने पुलिस अधीक्षक ने यह भी बताया कि इससे पहले भी एक्ट्रोसिटी एक्ट का दुरुपयोग कर रनई निवासी निलेश पांडे और शिक्षक आरके उपाध्याय को फंसाया जा चुका है। अब वर्तमान में प्रेमा बाग की जमीन मामले को लेकर संजय अग्रवाल को फसाने की कोशिश की जा रही है। वहीं गौ रक्षक अनुराग दुबे ने पुलिस अधीक्षक ने भी कहा कि इस तरह के फर्जी मामले दर्ज कराने वालों के खिलाफ भी कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए। पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपने के दौरान समानता क्रांति दल के अमिताभ गुप्ता ,सुरेंद्र सिंह ,संजय अग्रवाल ,अन्नू दुबे ,अमित श्रीवास्तव ,नीरज पांडे, कमलेश गुप्ता ,रणधीर सोनी ,दीपक सिंह, अभिषेक तिवारी, राजकमल, प्रवीण तिवारी सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।

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अब क्या हुई शिकायत :- अभी हुई शिकायत को विष्णु सिंह की 42 वर्षीय पत्नी प्रमिला सिंह सिटी कोतवाली में आवेदन किया है 28 नवंबर की दोपहर को वह प्रेमाबाग स्थित अपनी जमीन व मकान को देखने आई थी। सभी कथित रूप से संजय अग्रवाल वहां पर आ गए और उन्होंने प्रमिला सिंह की जाति की जानकारी रखने के बाद भी उसे बेइज्जत करने की नियत से हाथ पकड़ा और साड़ी को खोलने का प्रयास किया। इस शिकायत की कॉपी जैसे ही व्हाट्सएप में दौड़ी लोगों को यह शिकायत हजम ही नहीं हुई।
जानिए क्यों फंसाया जा रहा संजय अग्रवाल को:-

दरअसल बहुचर्चित प्रेमा बाग स्थित जमीन के मामले में पूर्व में भी नवापारा पटना निवासी विष्णु सिंह एवं उसकी पत्नी प्रमिला सिंह संजय अग्रवाल एवं अन्य के खिलाफ सिटी कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई थी और एक्ट के अंतर्गत मामला दर्ज कराया था। जिस में फर्जी तरीके से तत्कालीन डीएसपी एवं आदिवासी विभाग के सहायक आयुक्त की मिलीभगत से इस मामले में क्षतिपूर्ति की राशि एक लाख की वजह आठ लाख रुपए विष्णु दंपत्ति को दी गई थी। जिसमें पीडि़त संजय अग्रवाल ने सूचना के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत पूरे मामले का खुलासा कर दिया। जिसके बाद जिला लोक अभियोजन अधिकारी नहीं मामले की जांच की तो पता लगा कि वास्तव में इन सभी की मिलीभगत से 8 लाख रुपए की शासकीय राशि का गबन किया गया है। वहीं कलेक्टर ने भी इस मामले में सत्यता पाते हुए तत्कालीन डीएसपी और सहायक आयुक्त को जबाब पेश करने के लिए नोटिस भी जारी किया है। आपको बता दें कि संजय अग्रवाल द्वारा प्रेमाबाग की यह जमीन खरीदने के बाद से ही विष्णु सिंह द्वारा इस जमीन पर अपना दावा किया जाता रहा है। जबकि उनके इस दावे को सरगुजा कमिश्नर एवं राजस्व न्यायालय द्वारा खारिज किया जा चुका है। न्यायालय से हारने के बाद अब उनके द्वारा इस प्रकार के अनर्गल हथकंडे अपनाए जा रहे है।

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