नक्सलियों ने पर्चा फेंक साथियों की हत्या के आरोपी जवान के बयान को सही ठहराया
दंतेवाड़ा, बासागुड़ा सीआरपीएफ कैंप में अपने चार साथियों को मौत के घाट उतारने वाले जवान का रास्ता अख्तियार करने नक्सलियों ने कहा है। इस आशय के पर्चे किरंदुल थाना क्षेत्र के पेरपा चौक के पास में मिले हंै।
पर्चे में लाल स्याही से नक्सलियों ने लिखा है कि बासागुड़ा में सीआरपीएफ जवान संतकमार के बयान ने एक बार और साबित किया है कि मुठभेड़ के नाम पर पुलिस आदिवासियों की हत्या कर रही है। इसके जवाब में संतकुमार ने जो रास्ता अपनाया, उसे ही अपना लो। हालांकि किरंदुल पुलिस तक यह पर्चा नहीं पहुंचा है लेकिन सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। जिसमें संदेश के नीचे सीपीआई माओवादी दरभा डिवीजन लिखा है। पर्चा के हैंडराइटिंग पर पुलिस इसे शरारती तत्वों की करतूत भी मान रही हैं।
किरंदुल थानेदार जेपी गुप्ता ने बताया कि पेरपा चौक के पास पर्चा मिलने की सूचना उन्हें भी मिली है लेकिन सर्चिंग पर निकली पार्टी को ऐसा कुछ नहीं मिला है। हो सकता है कि वहां गुजरने वाले लोग उठा कर ले गए हों।
ज्ञात हो कि 9 दिसंबर को सीआरपीएफ के बासागुड़ा कैंप में जवान संतकुमार ने अंधाधुंध गोलियां चलाकर अपने चार साथियों को मौत के घाट उतार दिया था। इस गोलीकांड में एसआई विक्की शर्मा (जम्मू-कश्मीर), एसआई मेघ सिंह (गुजरात), आरक्षक राजवीर सिंह (राजस्थान) तथा आरक्षक शंकर राव निवासी (आंध्रप्रदेश) की मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि एएसआई गजानंद सिंह गोली की रेंज से दूर से घायल हुआ।
फायरिंग के बाद आरोपी संतकुमार के बयान लगातार बदलते रहे हैं। पहले उसने गोलीबारी नहीं करने की बात कही। फिर एक बयान में कहा कि उसे अधिकारी परेशान करते थे, क्योंकि वह फर्जी मुठभेड़ों का राज जानता था। इस तरह के विरोधाभाष बयानों और उस घटना के करीब एक पखवाड़े बाद नक्सलियों ने सीआरपीएफ जवान के कदम का उचित ठहराते पर्चा फेंका है। जानकार कहते हैं कि नक्सली ऐसे पर्चें फेंककर लोगों को गुमराह कर सहानुभूति लेते हैं।