Lockdown-3: भूपेश सरकार में मंदिर बंद, मदिरा दुकान खुलेंगी ?

रायपुर, (FourthEyeNews) देश में तीसरे दौर का लॉकडाउन (Lockdown-3) के बाद छत्तीसगढ़ में लगातार शराबबंदी की मांग उठ रही है. आम लोगों के साथ विपक्षी पार्टियों के नेता भी शराब बंदी की मांग कर रहे हैं, छत्तीसगढ़ में तो कांग्रेस की सरकार शराब बंदी का ढिंढौरा पीटकर ही महिलाओं के वोट हासिल करने में सफल रही थी.
लेकिन सत्ता मिलते ही सुर बदल गए. चुनाव में जब कांग्रेसी नेता प्रचार करते थे. तो ऐसा लगता था, कि कांग्रेस के सत्ता में आते ही छत्तीसगढ़ में परिस्थियां बदल जाएंगी, बहुत से लोगों ने तो रामराज्य आने की उम्मीद लगा ली थी.
भूपेश सरकार ने कुछ मुद्दों पर काम भी अच्छा किया लेकिन कई मुद्दे ऐसे हैं, जिनमें भूपेश सरकार फंस गई है, या फिर उन्हें लटकाकर रखना चाहती है. शराबबंदी भी इन्हीं में से एक हैं.
टीएस सिंहदेव ने कहा था ‘सरकार आते ही करेंगे शराबबंदी’
चुनाव के वक्त कांग्रेस के वचनपत्र को तैयार करने में अहम भूमिका निभाने वाले स्वास्थ्य मंत्री पूछने पर कहते थे, कि सत्ता में आते ही शराब ठेका की शर्तों को देखकर अगले साल मार्च (2019) तक हम शराबबंदी का फैसला कर लेंगे, लेकिन मार्च 2020 भी गुजर चुका है, इसपर फैसला सरकार नहीं ले पाई है, वहीं बाबा भी फिलहाल इस मुद्दे पर खामोश ही रहते हैं, या फिर जवाब गोल-गोल देते हैं.
नोटबंदी की तरह नहीं होगी शराबबंदी – कांग्रेस
कांग्रेस के नेता औऱ सरकार में शामिल मंत्री अक्सर कहते रहे हैं कि देश में जिस तरह नोटबंदी की गई हम शराबबंदी वैसे नहीं करेंगे, सोच-समझकर फैसला लेंगे. लेकिन डेढ़ साल में शराबबंदी होगी कि नहीं, न तो कांग्रेस सरकार सोच पाई, और न ही समझ पाई. वहीं अगर बात नोटबंदी की करें, तो पीएम मोदी ने अचानक सामने आकर चंद घंटों के भीतर हजार-पांच सौ के नोट बंद कर दिए, परिणाम पर बहस हो सकती है, लेकिन मोदी सरकार ने न मुद्दों को लटकाया न लोगों को भटकाया. लेकिन डेढ़ साल बाद भी भूपेश सरकार फैसला नहीं कर पाई है.
अपनों के दवाब में सरकार ?
विधानसभा चुनाव के वक्त टीएस सिंहदेव ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था –
“शराबबंदी को घोषणापत्र में शामिल करने को लेकर उनके ही कुछ मिलने वाले परेशान हैं, वो कहते हैं कि शराबबंदी करोगे तो हम साथ नहीं देंगे. लेकिन हम फिर भी शराबबंदी के पक्षधर हैं“
लेकिन चुनाव जीतने के बाद लगता है कि कांग्रेस के अपनों ने ही बाबा के हाथ बांध दिए हैं, लिहाजा प्रदेश में भूपेश सरकार अबतक शराबबंदी का फैसला नहीं कर पाई है.
देश में लॉकडाउन का तीसरा चरण (Lockdown-3) इससे अच्छा मौका कब मिलेगा ?
भूपेश सरकार को शराबबंदी के लिए इससे ज्यादा अच्छा मौका कब मिल सकता है, जब पिछले करीब डढ़ महीने से शराब की दुकानें बंद हैं और कई लोग बिना शराब के जीना भी सीख चुके हैं, लेकिन जिस तरह से आबकारी मंत्री कवासी लखमा के बयान आ रहे हैं, उससे लगता नहीं कि सरकार शराबबंदी करने के मूड में हैं.
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