ऑटो ड्रायवर थे, हीरो बनना चाहते थे राजू श्रीवास्तव, लेकिन बन गए कॉमेडी के किंग

कॉमेडी के बादशाह राजू श्रीवास्तव का 21 सितंबर को निधन हो गया। वे बीते 42 दिनों से अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे थे। अपनी कॉमेडी के लिए प्रसिद्ध राजू श्रीवास्तव हीरो बनना चाहते थे। कानपुर के रहने वाले राजू हीरो बनने का ख्वाब दिल में लिए वह 1982 में कानपुर से मुंबई आ गए थे। जहां एक्टिंग में करियर बनाने से पहले वह ऑटो चलाया करते थे। राजू अपनी कॉमेडी से अपनी सवारियों को हंसा हंसाकर लोट पोट कर दिया करते थे।
राजू श्रीवास्तव अमिताभ बच्चन के बहुत बड़े फैन थे, वे कॉमेडी को दौरान भी अक्सर बिग बी की मिमिक्री कर लोगों को हंसाया करते थे। इतना ही नहीं राजू अमिताभ बच्चन की तरह दिखने की कोशिश भी किया करते थे। उनकी इन्ही कोशिशों को परिणाम था कि उन्हें 1988 में फिल्म तेजाब में अनिल कपूर और जॉनी लीवर के साथ काम करने का मौका मिला। इसके बाद वे रूके नहीं कॉमेडी में अपनी पहचान बनाने से पहले ही राजू बड़े पर्दे पर अपनी दस्तक दे चुके थे।
राजू ने अपने फिल्मी करियर में 17 फिल्मों में काम किया है, जिनमें आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया, भावनाओं को समझो, बिग ब्रदर, बॉम्बे टू गोवा, जहां जाइएगा, हमें पाइएगा, बाजीगर, मैं प्रेम की दीवानी हूं, मैंने प्यार किया जैसी फिल्मों में नजर आ चुके हैं। राजू आखिरी बार 2017 में फिल्म फिरंगी में नजर आए थे। उनका गजोधर वाला किरदार लोगों के दिलों में हमेशा अमर रहेगा।
राजू श्रीवास्तव की आत्म शांति के लिए आप भी प्रार्थना जरूर करें।