नई दिशा अभियान: बलौदाबाजार में बदलती ज़िंदगियां, नशामुक्त समाज की ओर मज़बूत कदम

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में नशामुक्त समाज के निर्माण की कोशिशें अब ठोस नतीजे देने लगी हैं। जिला प्रशासन की नई दिशा पहल राज्य में परिवर्तन का मजबूत मॉडल बनकर उभर रही है। कलेक्टर दीपक सोनी के नेतृत्व में चल रहे इस अभियान ने नशे की गिरफ्त में फंसे युवाओं को सुरक्षित उपचार, सहारा और जीवन को दोबारा पटरी पर लाने का मौका दिया है।
जिले के नशा मुक्ति केंद्रों ने अब तक 181 युवाओं को पूरी तरह नशे से मुक्त किया है, जबकि 16 युवक वर्तमान में उपचाररत हैं। जुलाई 2024 से समाज कल्याण विभाग से मान्यता प्राप्त संगी मितान सेवा संस्थान इस अभियान को मजबूत आधार दे रहा है। यहां 192 युवाओं ने पंजीयन कराया और विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी, काउंसलिंग, योग, पौष्टिक भोजन और कौशल प्रशिक्षण की बदौलत नए जीवन की शुरुआत की है।
उपचार सेवाओं के विस्तार के लिए भाटापारा के महारानी चौक में दूसरा 15 बेड वाला नशा मुक्ति केंद्र भी शुरू किया गया है, जहां 10 युवक उपचार ले रहे हैं। संरक्षित माहौल और मनोवैज्ञानिक सहयोग इन युवाओं के पुनर्वास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
नई दिशा अभियान को जनअभियान बनाने के लिए प्रशासन गांव-गांव जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है। मास्टर वॉलेंटियर हर ग्राम पंचायत में नशा विरोधी संदेश पहुंचा रहे हैं। कॉलेजों में आयोजित 42 कैंप और 34 कार्यशालाओं में 24,107 विद्यार्थियों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया गया है। वहीं मानसिक स्वास्थ्य और नशामुक्ति सेवाओं से 12,150 लोग लाभान्वित हुए हैं। भारत माता वाहिनी के 140 समूह दीवार लेखन, पोस्टर और सतत अभियान से इस पहल को और मजबूती दे रहे हैं।
नशा मुक्ति केंद्र सिर्फ उपचार का स्थान नहीं रहे, बल्कि युवाओं की आत्मनिर्भरता के केंद्र भी बन गए हैं। कई युवा उपचार के बाद यहीं केयरटेकर, कुक या अन्य सेवाओं में जुड़कर रोजगार और सम्मान दोनों हासिल कर रहे हैं। नशे से बाहर निकलकर समाज में सकारात्मक भूमिका निभाने की उनकी कहानियां जिले के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं।
बलौदाबाजार का यह मॉडल न सिर्फ नशामुक्ति सेवाओं को प्रभावी बना रहा है, बल्कि युवा शक्ति को सही दिशा देकर समाज में सकारात्मक बदलाव की नींव भी रख रहा है।




