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नईदिल्ली : जम्मू-कश्मीर में तैनात किए जाएंगे ब्लैक कैट कमांडो

नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पर अंतिम चोट के लिए नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार व्यापक योजना को अंतिम रूप देने जा रही है। अब जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी बल एनएसजी के ब्लैक कैट कमांडो को जल्द ही मैदान में उतार दिया जाएगा। यहां वे मुठभेड़ और लोगों को बंधक बनाने जैसी स्थितियों से निपटने में सुरक्षा बलों की मदद करेंगे। गृह मंत्रालय, कश्मीर घाटी में राष्ट्रीय सुरक्षा बल (एनएसजी) का एक दल तैनात करने की योजना को अंतिम रूप दे रहा है।

केन्द्र सरकार व्यापक योजना को अंतिम रूप देने जा रही है

नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि हम कश्मीर में एनएसजी को तैनात करने की योजना बना रहे हैं। उन्हें लोगों को बंधक बनाने और आतंकवादियों के हमले जैसी स्थितियों से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक एसपी वैद ने भी हाल ही में कहा था कि वह प्रस्ताव पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा था, उम्मीद है कि हम सफल होंगे। यह पहली बार नहीं है, जब ब्लैक कैट के नाम से पहचाने जाने वाले एनएसजी कमांडो जम्मू-कश्मीर में तैनात किए जाएंगे। इस बल के कमांडो पूर्व में भी घाटी में तैनात हो चुके हैं।

कश्मीर में एनएसजी को तैनात करने की योजना बना रहे हैं

अधिकारी ने बताया कि आतंकियों को पकडऩे के लिए की जाने वाली घेराबंदी के दौरान बंधकों को रिहा करने का उनका खास कौशल ऐसे हालात में अहम भूमिका निभा सकता है। हाल ही में तेलंगाना में एनएसजी के एक समारोह के दौरान गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि देश के समक्ष नई सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए सरकार विचार कर रही है कि बल की भूमिका को कैसे बढ़ाया जा सकता है। क्योंकि आतंकियों द्वारा लोगों को मानव ढाल बनाने और नागरिक परिसर में घुस आने वाली जैसी स्थिति में अभियानों के दौरान ये कमांडो एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।

घेराबंदी के दौरान बंधकों को रिहा करने का उनका खास कौशल ऐसे हालात में अहम भूमिका निभा सकता है

जानकारी में रहे कि एनएसजी का गठन वर्ष 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद किया गया था। ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान पंजाब के अमृतसर शहर में स्वर्ण मंदिर में छिपे आतंकवादियों का सफाया किया गया था। इस समय एनएसजी में करीब 7,500 जवान हैं। ब्लैक कैट कमांडो को मुंबई में 26/11 को हुए आतंकी हमलों से, जनवरी 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले से और गुजरात के अक्षरधाम मंदिर में हुए आतंकी हमले से निपटने के लिए तैनात किया गया था। संसद में उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, जम्मू कश्मीर में इस साल जनवरी से माचज़् के मध्य तक आतंकी हिंसा की करीब 60 घटनाएं हुईं जिनमें 15 सुरक्षाकमीज़् और 17 आतंकी मारे गए।

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