नईदिल्ली : कम नहीं हुई सायना की जीत की भूख

नई दिल्ली : भारत की अग्रणी महिला बैडमिंटन खिलाडिय़ों में शुमार सायना नेहवाल का मानना है कि वह अभी भी खेल के शीर्ष स्तर पर पहुंचने का माद्दा रखती हैं। उनका मानना है कि बीते दिनों में जिन चोटों ने उन्हें रोके रखा था उनसे वो उबर आई हैं। लंदन ओलम्पिक-2012 में कांस्य पदक जीतने वाली यह खिलाड़ी रियो ओलम्पिक-2016 के बाद कराई गई घुटने की सर्जरी के बाद से अपने प्रदर्शन में निरंतरता नहीं रख पाई थीं। उनकी हालिया फॉर्म ने हालांकि बताया है कि सायना अपनी लय हासिल कर चुकी हैं।
सायना नेहवाल का मानना है कि वह अभी भी खेल के शीर्ष स्तर पर पहुंचने का माद्दा रखती हैं
उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय बीते 45 दिनों में फीजियो क्रिस्टोफर प्रेडा के साथ की गई तैयारी से हासिल मजबूत फिटनेस और व्यायाम को दिया। सायना ने पिछले महीने आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में खेले गए राष्ट्रमंडल खेलों में महिला एकल वर्ग का स्वर्ण पदक हासिल किया था। उन्होंने फाइनल में हमवतन पी.वी. सिंधु को मात दी थी।
आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में खेले गए राष्ट्रमंडल खेलों में महिला एकल वर्ग का स्वर्ण पदक हासिल किया था
इसके बाद सायना ने तीसरी बार एशियाई बैडमिंटन चैम्पियनशिप में कांस्य पदक अपने नाम किया। भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) ने राष्ट्रमंडल खेलों में खिलाडिय़ों द्वारा हासिल की गई सफलता को देखते हुए शनिवार को खिलाडिय़ों को सम्मानित किया। इस कार्यक्रम से इतर सायना ने कहा, यह कड़ी मेहनत पर निर्भर करता है।
सायना ने तीसरी बार एशियाई बैडमिंटन चैम्पियनशिप में कांस्य पदक अपने नाम किया
आप सेरेना विलियम्स, रोजर फेडरर को देख सकते हैं जो अभी तक उच्च स्तर पर शानदार काम कर रहे हैं। मेरे पास कभी न हार मानने वाला नजरिया है जिससे मुझे मदद मिलती है।उन्होंने कहा, जब आप अच्छा महसूस करते हैं तो कोर्ट पर चीजें आसान हो जाती हैं। अब मेरे साथ सबसे अच्छे फीजियो में से एक क्रिस्टोफर प्रेडो हैं।
मेरे पास कभी न हार मानने वाला नजरिया है
वह काफी उपयोगी हैं। मैं अब अंतर देख सकती हूं। सायना ने कहा, पीठ के निचले हिस्से और घुटनों में कुछ समस्याएं थीं जिनके कारण मैं संघर्ष कर रही थी। अब मुझमें काफी सुधार हुआ है। मैं कोर्ट पर अच्छी तरह से मूव कर रही हूं। मेरे पैर में कुछ कमजोरी थी जिस पर उन्होंने काम किया और अब ज्यादा समस्या नहीं है।